भारत खुशहाली के मामले में पाकिस्तान और नेपाल से पीछे: विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 में खुलासा
हाल ही में जारी विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 ने भारत के लिए एक चिंताजनक तस्वीर पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत खुशहाली के मामले में 118वें स्थान पर है, जो इसे अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान (109वां) और नेपाल (92वां) से पीछे रखता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट सामाजिक समर्थन, जीवन विकल्पों की स्वतंत्रता, उदारता, भ्रष्टाचार की धारणा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति जैसे कारकों पर आधारित है।
रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग ने कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर तब जब देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में शहरीकरण और बदलते सामाजिक ढांचे ने पारंपरिक परिवार और समुदाय के बंधनों को कमजोर किया है, जिसके चलते सामाजिक समर्थन का स्तर घटा है। इसके विपरीत, पाकिस्तान और नेपाल में मजबूत सामुदायिक संबंध और सामाजिक एकजुटता अभी भी कायम है, जो उनकी बेहतर रैंकिंग का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
नॉर्वे आठवीं बार टॉप
रिपोर्ट के मुताबिक, नार्वे ने लगातार आठवीं बार खुशहाल देशों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जो सामाजिक कल्याण, समानता और जीवन की गुणवत्ता के उच्च मानकों को दर्शाता है। वहीं, भारत की स्थिति ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स ने इसे “विकसित भारत” के दावों के खिलाफ एक झटका बताया, तो कुछ ने रैंकिंग की सटीकता पर सवाल उठाए। हालांकि, ठोस डेटा सामाजिक समर्थन और जीवन में स्वतंत्रता जैसे कारकों की ओर इशारा करता है, जो भारत में कमजोर पड़ते दिख रहे हैं।
रिपोर्ट सरकार की नीति निर्माण के लिए चुनौती
इस रिपोर्ट ने सरकार और नीति निर्माताओं के सामने एक चुनौती पेश की है कि वे न केवल आर्थिक विकास पर ध्यान दें, बल्कि सामाजिक कल्याण और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में भी कदम उठाएं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस रैंकिंग को सुधारने के लिए क्या रणनीति अपनाता है।