गुरुवार को रात 9 बजकर 10 मिनट पर बाड़मेर के भीमडा गांव में सेना का मिग-21 विमान क्रैश हो गया , विमान के क्रैश होने के बाद विमान में सवार दो पायलटों की भी मौके पर ही जिंदा जलकर मौत हो गई ।
लेकिन विमान के पायलटों की सूझबूझ से 2500 लोगों की जान गई । गांव के प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि विमान भीमडा गांव के ऊपर पहुंचा तो विमान में तकनीकी खराबी या अन्य किसी कारण की वजह से आग लग चुकी थी , ऐसे में अगर पायलट विमान को तुरंत लैंड कर देते तो गांव की करीब 2500 आबादी में से कितनों को नुकसान पहुंचता है , इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है क्योंकि गांव के लोग बताते हैं कि विमान जब रेत के टीलों पर लैंड किया गया तो इसका धमाका करीब 3 से 4 किलोमीटर तक सुना गया, वहीं करीब 600 मीटर की दूरी तक विमान के पुर्जे मिले हैं, वही विमान ने जहां पर लैंड किया था वहां करीब 15 फीट का गड्ढा बन गया है। एवं सेना ने मौके पर पहुंचकर आधा किलो मीटर तक का एरिया सेना ने अपने कवर में करके एवं जांच शुरू कर दी।
आर्मी से रिटायर एवं गांव के स्थानीय नागरिक संपत राज बताते हैं कि जब वो रात को अपने घर के आकर बैठे थे , तभी एक विमान आया और विमान ने गांव के ऊपर 2 से 3 चक्कर काटे एवं इसके बाद एक रेत के टीले की तरफ आगे बढ़ गया और रेत के टीले पर जाकर लैंड कर दिया। अगर उन्होंने गांव पर तत्काल विमान लैंड कर दिया होता तो ना जाने कितने आम जन को हानि पहुंचती , लेकिन उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर गांव की रक्षा की और अपनी जान समर्पित कर दी।
इसके बाद गांव के लोग एक बार तो डर गए , लेकिन इसके बाद उन्होंने पायलटों को बचाने के लिए विमान की तरफ दौड़े , लेकिन तब तक आग कितनी लग चुकी थी कि नजदीक जाना भी संभव नहीं था एवं दोनों पायलटों की मौके पर ही मौत हो गई।
मिग-21 हादसे में शहीद होने वाले जवान हिमाचल प्रदेश के मंडी के विंग कमांडर एम राना और जम्मू के फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य बाल थे ।