राजस्थान में थर्ड फ्रंट बनने के लिए छोटे दलों में वर्चस्व की लड़ाई

राजस्थान में थर्ड फ्रंट बनने के लिए छोटे दलों में वर्चस्व की लड़ाई

राजस्थान की विधानसभा चुनावों से ठीक पहले देशभर के विभिन्न दल राजस्थान में थर्ड फ्रंट के तौर पर उभरने का प्रयास कर रहे हैं एवं राजस्थान की 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बनी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी राजस्थान भर में अपना वर्चस्व जमाने का प्रयास कर रही हैं।

लेकिन राजस्थान में थर्ड ग्रेड के तौर पर उभर रहे दलों के सामने कांग्रेस या बीजेपी को मत देना इतना आसान नहीं है , परंतु थर्ड फ्रंट के तौर पर उभर रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी , आम आदमी पार्टी , बहुजन समाजवादी पार्टी , असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी सहित कई पार्टियां राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अपना भविष्य आजमाएगी ।

लेकिन जानकारी के मुताबिक इन सभी पार्टियों के बीच गठबंधन होने की स्थिति भी अभी तक नहीं बन रही है , जहां राजस्थान की स्थानीय पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी पर राज्यसभा सदस्य के चुनाव में आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रभारी ने आरएलपी पर पैसे लेने का आरोप लगाया गया तो इसके बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी आम आदमी पार्टी के प्रभारी के खिलाफ f.i.r. कर दी।

वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी के पिछले विधानसभा चुनाव में जीते सभी विधायकों ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर दी ‌‌, ऐसे में राजस्थान में तीसरी पार्टी के तौर पर उभरने के लिए भी छोटे दलों के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ाई शुरू हो चुकी है , संभावना है कि राजस्थान के विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान के तीसरे दल के तौर पर उभरने के लिए यह दल आपस में एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए भी नजर आ सकते हैं और ऐसे में कांग्रेसी एवं बीजेपी को इसका फायदा होना स्वभाविक है।

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ऐसे में संभावना है कि कांग्रेस एवं बीजेपी भी क्षेत्रीय दलों को साथ में लेकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।

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