बाड़मेर में बीजेपी के कैलाश चौधरी की रविन्द्र भाटी, उम्मेदाराम ने मुश्किल बढ़ाई
लोकसभा चुनाव से पहले बाड़मेर लोकसभा सीट पर बीजेपी के लिए चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका जताई जा रही हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौधरी ने चुनाव जीता था, अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कैलाश चौधरी पर विश्वास जताकर भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है, पर अब भाजपा से 23 के विधानसभा चुनाव इससे पहले बागी हुए रविन्द्र सिंह भाटी जो कि शिव से निर्दलीय विधायक हैं, लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, अगर रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो भी कैलाश चौधरी का समर्थन करने की संभावना कम नजर आती हैं।
बाड़मेर से निर्दलीय विधायक प्रियंका चौधरी भी अब कैलाश चौधरी के देव दर्शन यात्रा से दूरी बनाए हुए हैं, विधानसभा चुनाव के समय प्रियंका चौधरी की टिकट कटने पर कैलाश चौधरी पर आरोप भी लगे थे। हालांकि कैलाश चौधरी ने इन आरोपों को खारिज किया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी कैलाश चौधरी को समर्थन किया था, लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का कांग्रेस की ओर झुकाव नजर आ रहा हैं।
ऐसे में बाड़मेर में कैलाश चौधरी को लोकसभा चुनाव से पहले कई चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करनी होगी।
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जातीय समीकरण भी बदले
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने यहां से मानवेंद्रसिंह को चुनाव लड़ाया था लेकिन इस बार कांग्रेस किसी जाट नेता को चुनाव लड़वाएगी।
ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में कैलाश चौधरी को जाति समीकरण की वजह से मिला फ़ायदा भी कम होने की आशंका है।