मुख्यमंत्री बनने के लिए क्या करना पड़ता हैं ? Chief minister Kaise bante hai
जैसा कि आप जानते हैं कि प्रत्येक राज्य में राजनीतिक दृष्टि से मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा होता है , हालांकि राज्य का प्रथम नागरिक राज्यपाल होता है एवं राज्यपाल के प्रसादपर्यंत एवं राज्यपाल ही मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है।
बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के लिए जो व्यक्ति राज्यपाल के पास अनुमति लेने के लिए जाता है पहले से विधायक होना जरूरी है , अगर वह विधायक नहीं है तो जिस दिनांक से वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है उसके 6 महीनों के भीतर विधायक बनना जरूरी है अन्यथा उसे मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आमतौर पर उस व्यक्ति को बनाया जाता है , जिस व्यक्ति की पार्टी के सदस्य विधानसभा में बहुमत हासिल करने में सक्षम हो। अगर किसी एक पार्टी को विधानसभा में बहुमत नहीं मिल रहा है तो अन्य निर्दलीय एवं दूसरी पार्टियों से गठबंधन को बहुमत हासिल कर सकता है।
हम जब किसी विधायक को लगता है कि उसके पास है , तो वह राज्यपाल के पास जाता है इसके बारे में बता सकता है। राम इसके बाद राज्यपाल जरूरत पड़ने पर उसे बहुमत साबित करने के लिए भी कह सकते हैं एवं उस व्यक्ति को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया जाता है।
मुख्यमंत्री बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अलग से कोई अनिवार्यता नहीं की गई है , वहीं मुख्यमंत्री बनने वाले व्यक्ति के लिए वही शर्तें लागू होती है जो किसी व्यक्ति के विधायक बनने पर आवश्यक शर्तें होती हैं , जैसे कि वह किसी न्यायालय द्वारा पागल दिवालिया घोषित किया हुआ नहीं होना चाहिए।
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राज्यपाल को जब लगता है कि मुख्यमंत्री के पास बहुमत नहीं है तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकता है , एवं नई सरकार बनाने के लिए पार्टियों को आमंत्रित करता है। लेकिन अगर मुख्यमंत्री के पास बहुमत रहता है तो वह अधिकतम 5 वर्ष के लिए अपनी सरकार चला सकता हैं, क्योंकि 5 वर्ष के बाद भारत के प्रत्येक राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं और सभी पार्टियां फिर से चुनाव लड़तीं हैं।