राजस्थान में कांग्रेस की महंगाई के विरुद्ध रैली ….

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कांग्रेस की महंगाई के विरुद्ध महा रैली

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी देखरेख में राजस्थान के जयपुर में महंगाई के विरुद्ध महारैली आयोजित की गई, लेकिन राजनीतिक जानकारों के अनुसार यह रैली महंगाई के विरुद्ध नहीं थी बल्कि इसके बहाने मुख्यत: दो कारणों के लिए आयोजित करनी पड़ी , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद को साबित करने के लिए और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह बताने का प्रयास किया कि कांग्रेस में अब तक उनकी चलती है भले ही मंत्रिमंडल विस्तार किया गया हो लेकिन राजस्थान की कांग्रेस में नेतृत्व करने वाले वही हैं। इसी कारण ही विभिन्न अखबारों के विज्ञापनों में एवं सभा स्थल पर लगे पोस्टरों में कहीं भी सचिन पायलट की फोटो नजर नहीं आई, वह पायलट समर्थक विधायकों को और राजस्थान की जनता को बताना चाहते हैं कि उनके सामने सचिन पायलट का कोई वजूद नहीं है… , तभी तो रैली से पहले किसी भी बैठक में अशोक गहलोत व सचिन पायलट एक साथ नजर नहीं आए, भले ही सचिन पायलट रैली का जायजा लेने पहुंचे हो, अशोक गहलोत पहले भी पायलट समर्थक मंत्रियों को हेमाराम ,विश्वेंद्र सिंह ,रमेश मीणा को पिछले दिनों एक बैठक में आंख दिखा चुके हैं। 

लेकिन इतना सब होने के बावजूद सचिन पायलट वहां उपस्थित रहे क्योंकि राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के बड़े कांग्रेस नेता यहां उपस्थित हुए तो सचिन पायलट को भी उपस्थित होना पड़ा। वहीं इस रैली से कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और केसी वेणुगोपाल समेत कई नेता यह बताना चाहते थे कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट हो चुकी है, खैर वो सफल भी हुए।

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इस रैली को आयोजित करने का दूसरा मुख्य कारण यही बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया था जिसमें कहा कि भारत में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में है ही नहीं, भारत में कांग्रेस का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है। लेकिन जब कांग्रेस के नेताओं को यह बात अखरी तो उन्होंने भी अपनी शक्ति प्रदर्शन करने का बहाना ढूंढा। चुंकि भारत के राजस्थान, पंजाब एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है , लेकिन राजस्थान में रैली आयोजित करने का मुख्य कारण यही रहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इतने राजनीतिक अनुभवी नेता नहीं है, और जितना राजस्थान में अशोक गहलोत ने इस रैली में सरकारी सिस्टम का उपयोग किया है उतना संभवत वे उपयोग नहीं कर पाते

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इसी कारण राजस्थान में रैली आयोजित की गई और कांग्रेस नेतृत्व ने इस रैली से यह साबित करना सहा की भारत में उनकी विपक्ष के रूप में मजबूत भूमिका है।, तो राजस्थान कांग्रेस प्रभारी ने यह साबित करना चाहा कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट हो चुकी है, वहीं अशोक गहलोत ने अपनी बात को साबित करना चाही कि राजस्थान में कांग्रेस उनके इशारे पर ही चलती है।

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