सोमवार को बायतु विधायक व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के बयान से लगता है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार होने में अभी तक समय लग सकता है।
चौधरी ने यह भी कहा कि पंजाब और राजस्थान का अलग अलग मसला है पंजाब में विधायक मुख्यमंत्री को बदलना चाहते थे लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री के साथ 100 से अधिक विधायक व मंत्री हैं।
सचिन पायलट की राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की मुलाकात के बारे में सवाल करने पर हरीश चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है कि उनकी कितनी बार मुलाकात हुई है।
सोमवार को हरीश चौधरी ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अशोक गहलोत एक आम कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बने हैं एवं उसी प्रकार पंजाब में भी एक टेंट मजदूर आज मुख्यमंत्री बन चुका है और इस प्रकार कांग्रेस में ही संभव है।
हरीश चौधरी पर लग रहे हैं एनकाउंटर के आरोप पर चौधरी ने कहा कि उन्हें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है एवं जो भी सच होगा सामने आ जाएगा।
हरीश चौधरी के पंजाब को राजस्थान से तुलना ना करने के बयान को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हरीश चौधरी गहलोत समर्थक हैं , एवं चौधरी सचिन पायलट समर्थकों को यह बताना चाहते हैं कि पंजाब की तरह राजस्थान में नेतृत्व नहीं बदल सकता। अगर राजस्थान में पंचायत की तरह नेतृत्व नहीं बदलता है तो कई नए सियासी मोड़ देखने को मिल सकते हैं।
हरीश चौधरी की अशोक गहलोत से काफी नजदीकी हैं एवं पंजाब में पूर्व कांग्रेस प्रभारी रह चुके हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस अंदर खाने में पंजाब की तरह दो गुटों में बंटी हुई है एक गुट गहलोत समर्थक है तो दूसरा गुट पायलट समर्थक । वर्तमान राजस्थान कांग्रेस सरकार में कोई भी पायलट समर्थक विधायक मंत्री नहीं है।