हनुमान बेनीवाल के लिए खींवसर बचाना आसान नहीं, कनिका से कड़ी टक्कर में दूसरे दल
हनुमान बेनीवाल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के दबदबे वाली खींवसर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को चुनाव मैदान में उतारा गया।

लेकिन इस बार राजनीतिक जानकार बताते हैं कि विधानसभा उपचुनाव हनुमान बेनीवाल के लिए इतना आसान नहीं है जितना कि पिछले विधानसभा चुनाव थे।
लगातार हनुमान बेनीवाल की जीत का अंतर कम होने के कारण पर हनुमान बेनीवाल बताते हैं कि लगातार उनके पूरे राजस्थान में सक्रिय रहने से खींवसर में कम ध्यान दे पाए इस वजह से जीत अंतर कम होता गया।
हनुमान बेनीवाल 2023 का विधानसभा चुनाव करीब 2000 वोटो के अंतर से जीते इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी रेवतराम डांगा को रिपीट करते हुए उपचुनाव में जीतने के लिए हर तरीके से प्रयास कर रही हैं।
दुर्ग सिंह चौहान को साथ लिया
2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे दुर्ग सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करवाने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं सक्रिय नजर आए।
दुर्ग सिंह को पिछले चुनाव में करीब 15000 वोट प्राप्त हुए थे, कांग्रेस और आरएलपी के लिए यह भी झटका हैं।
हनुमान बेनीवाल की जीत का अंतर क्यों हो रहा लगातार कम
हनुमान बेनीवाल खींवसर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं, एक बार भाई नारायण बेनीवाल को खींवसर से विधायक बना दिया।
हनुमान बेनीवाल की जीत के अंतर लगातार कमी पर जानकार बताते हैं कि
हनुमान बेनीवाल का विरोधी गुट लगभग एक हो गया हैं। विरोधी गुट चुनाव के दौरान मजबूत प्रत्याशी का अंदरखाने समर्थन करता हैं।
हनुमान बेनीवाल का प्रदेश स्तर पर उभरने के बाद अन्य दलों ने हनुमान बेनीवाल के गढ़ को ढहाने की कोशिश की।
हनुमान बेनीवाल की पार्टी के नेता दूसरे दलों में शामिल हो गए, भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा भी आरएलपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।
एक ही नेता को बार-बार वोट देने की वजह से कई लोगों ने बदलाव का मन बनाया।