लीला मदेरणा व मुन्नी गोदारा में से कौन जितेगा जोधपुर….

Jodhpur. राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को मात दे दी ,लेकिन अब गहलोत के गढ़ जोधपुर में…

Jodhpur. राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को मात दे दी ,लेकिन अब गहलोत के गढ़ जोधपुर में पंचायती राज चुनाव के नतीजों के बाद जिला परिषद में कांग्रेस का बहुमत होते हुए भी क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ रही है।

जोधपुर में कुल 37 जिला परिषद वार्ड है, जिनमें से 21 वार्ड में कांग्रेस ने बाजी मारी है। एवं 16 जिला परिषद वार्ड में भाजपा ने जीत दर्ज की।

मतलब साफ है कि कांग्रेस के पास जोधपुर में जिला प्रमुख बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत है लेकिन मदेरणा परिवार से ओसिया विधायक दिव्या मदेरणा की माता लीला मदेरणा जिला परिषद का चुनाव जीतकर जिला प्रमुख बनने की कोशिश में है एवं दूसरी तरफ बद्रीराम जाखड़ की पुत्री मुन्नी गोदारा भी जिला प्रमुख बनने की कोशिश में है।

लीला मदेरणा व मुन्नी गोदारा दोनों के पास खुद के अलावा तीन तीन समर्थक जिला परिषद सदस्य हैं।

कांग्रेस ने 2004 में भी अपना बहुमत होते हुए भी लीला मदेरणा व मुन्नी गोदारा की आपसी लड़ाई के कारण अपना जिला प्रमुख  बनाने से चूक गई थी।

2004 में कांग्रेस ने लीला मदेरणा को जिला प्रमुख पद से नकारते हुए मुन्नी गोदारा को जिला प्रमुख का दावेदार बनाया लेकिन यह बात मदेरणा परिवार को रास नहीं आई एवं मदेरणा परिवार ने अपने समर्थक जिला परिषद सदस्यों के साथ क्रॉस वोटिंग कर दी जिसका फायदा भाजपा को हुआ एवं भाजपा ने जिला प्रमुख बनवा दिया।

कांग्रेस के लिए इस बार भी यही मुसीबत है कि अगर लीला मदेरणा को जिला प्रमुख के लिए दावेदार बनाए तो मुन्नी गोदारा एवं उनके समर्थक जिला परिषद सदस्य क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं क्योंकि मुन्नी गोदारा के खिलाफ लीला मदेरणा ने भी क्रॉस वोटिंग करवाई थी, और अगर मुन्नी गोदारा को जिला प्रमुख का दावेदार बनाएं तो लीला मदेरणा खिलाफत कर देगी और अपने समर्थक जिला परिषद सदस्यों के साथ क्रॉस वोटिंग करवा सकती है।

दैनिक भास्कर के अनुसार एक विजेता महिला जिला परिषद सदस्य कहा है कि पार्टी ने दोनों परिवारों को बहुत कुछ दिया बद्रीराम जाखड़ को चार बार लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया एवं जाखड़ प्रधान भी रह चुके हैं, इधर मदेरणा परिवार में वर्तमान में भी दिव्या मदेरणा कांग्रेस से विधायक है। इसलिए किसी अन्य को मौका दिया जाए ताकि दोनों परिवार नाराज ना हो।

अब देखना यह होगा कि अशोक गहलोत दांव किसी तीसरे चेहरे पर खेलते हैं जो इन दोनों में से किसी एक पर

 

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