राजस्थान की कांग्रेस में फिर हलचल : सियासी संकट के संकेत ?

मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी नेताओं में से अशोक चांदना ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है , लेकिन इस पेशकश से पहले कई नेताओं ने भी अपने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है , आपको बता दें कि विधायक रामलाल मीणा ने पिछले दिनों किसी आयोजन में संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस का बिखरना डूंगरपुर से शुरू हो चुका है , इधर कांग्रेस यूथ प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक गणेश घोघरा ने एमएलए पद से इस्तीफा सौंप दिया था। वही विधायक राजेंद्र बिधूड़ी भी लगातार तीखे बयान दे रहे हैं ‌‌ , भरत सिंह ने भी पहले से मोर्चा खोल रखा है ।

एवं इसी बीच गुरुवार को खेल मंत्री अशोक चांदना ने राजस्थान सरकार में अधिकारियों को दखलंदाजी से नाराज हैं ।

हालांकि इससे पहले भी कई विधायक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं , ओसिया के विधायक दिव्या मदेरणा ने भी कहा था कि अधिकारी विधायकों की नहीं सुनते ‌‌।

वर्तमान समय में देखा जाए तो पायलट खेमे के अलावा करीब एक दर्जन विधायक आधिकारियों के रवैये से नाराज हैं ।

राजस्थान में आगामी दिनों में राज्यसभा चुनाव होने हैं , और ऐसे वक्त में कांग्रेस के विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देना , पार्टी के लिए चिंताजनक स्थिति से कम नहीं है ।

रणनीतिकार इन विधायकों द्वारा लगातार सरकार के खिलाफ बोलने को लेकर भविष्य की सियासत में हलचल का अंदेशा लगा रहे हैं। ‌ हालांकि सचिन पायलट जब भी मीडिया से बातचीत करते हैं तो बताते हैं कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में कांग्रेस एकजुट होकर राजस्थान में दुबारा जीत दर्ज करेगी।

अब देखना यह होगा कि क्या अशोक चांदना के बाद भी कोई और विधायक या मंत्री राजस्थान की सरकार और अधिकारियों के खिलाफ भी मोर्चा खोल देगा ?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अशोक चांदना द्वारा दिए गए बयान के बाद कहा कि उन्होंने किसी के कहने पर ऐसा बयान दिया हो सकता है ‍, या फिर हो सकता है कि उन पर काम का लोड ज्यादा हो इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दे दिया ।

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