राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार पर लग सकती है मुहर
राजस्थान में कांग्रेस में पिछले काफी समय से सब कुछ ठीक नहीं सुन रहा है कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं।
पिछले साल सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से खिलाफत कर दी थी , उसके बाद कांग्रेस की हाईकमान ने राजस्थान की कांग्रेस पर नजर रखते हुए सचिन पायलट को मनाने के लिए एक कमेटी का निर्माण भी किया था लेकिन लगता है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आगे हाईकमान की भी नहीं चली ।
क्योंकि पूर्व 1 साल से सचिन पायलट नाराज हैं लेकिन सचिन पायलट की मांग को पूर्ण नहीं किया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में भी कई बार अलग अलग स्तर पर बैठकें हो चुकी हैं।
अब पायलट के समर्थक विधायकों में से करीब कम से कम चार – पांच विधायकों को मन्त्रिमण्डल में शामिल किया जा सकता हैं।
और कई जिलों के पदाधिकारियों की भी नियुक्ति सचिन पायलट द्वारा सुझाए गए नामों पर की जा सकती है।
वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित राजस्थान मंत्रालय में कुल 21 मंत्री हैं , अब नौ मन्त्री और शामिल किए जा सकते हैं।
कई मन्त्रियों को पार्टी में काम करने का मौका मिलेगा, जिसमें मुख्य नाम बायतु विधायक व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का माना जा रहा है । हालांकि हरीश चौधरी पूर्व में भी अपनी इच्छा पार्टी में काम करने को लेकर जाहिर कर चुके हैं, और बाड़मेर से नाराज चल रहे विधायक हेमाराम चौधरी को राजस्व मंत्री का पद मिल सकता है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब 2 साल से है लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी में भी अपने समर्थकों को विभिन्न पद देकर के अपनी जड़ें मजबूत करना चाहेंगे।
वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी गहलोत समर्थक हैं।
अगस्त माह के अंत में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में बैठक भी बुलाई, लेकिन अशोक गहलोत के अचानक बीमार हो जाने के बाद अशोक गहलोत नहीं पहुंच पाए।