उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें होने की वजह से राज्य सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी का खूब विरोध किया लेकिन अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश की जनता का मूड किस पार्टी की तरफ है वैसे तो विधानसभा चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद विभिन्न न्यूज़ एजेंसियां ओपिनियन पोल बनाने में जुट गई एवं लोगों से राय जानने की कोशिश करने लगी।
रिपब्लिक एवं एबीपी सी वोटर सहित कई न्यूज़ चैनल हर महीने ओपिनियन पोल बनाने में जुटे हैं एवं ट्विटर पर फेसबुक पर या अन्य सोशल मिडिया स्रोतों पर जोर शोर के साथ बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जीत रही है लेकिन यह देखकर लगता है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम इन्हें पहले से पता है?
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ओपिनियन पोल / एग्जिट पोल कितने सही होते हैं ?
अगर पिछले साल हुए अप्रैल के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो पश्चिम बंगाल में करीब भाजपा के 10 राज्यों के मुख्यमंत्री एवं 12 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल की गलियों में घूम रहे थे
ओपिनियन पोल की भी नजर इन नेताओं पर पड़ी और इन नेताओं को गलियों में घूमते हुए देख कर ओपिनियन पोल ने बता दिया कि 292 में से 183 विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी , लेकिन विधानसभा चुनाव का परिणाम आने पर भाजपा सिर्फ 77 विधानसभा सीटें ही जीत पाई।
इसके अलावा बिहार , पुडुचेरी, यहां तक कि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में भी ओपिनियन पोल एकदम गलत साबित हुआ ।
इसलिए विधानसभा चुनाव में ओपिनियन पोल द्वारा समाजवादी पार्टी के खाते में करीब 170 सीटें बताई जा रही थी लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर सिर्फ 47 विधानसभा सीटें ही समाजवादी पार्टी जीत पाई।
पुडुचेरी में भी ओपिनियन पोल कांग्रेस को 24 विधानसभा सीटें दी जा रही थी , लेकिन कांग्रेस सिर्फ 8 विधानसभा सीटें ही जीत पाई थी।
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