उत्तर प्रदेश में ओपिनियन पोल हो सकते हैं गलत , आ सकते हैं चौकाने वाले रिजल्ट …. Uttar Pradesh opinion poll

3 Min Read

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें होने की वजह से राज्य सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी का खूब विरोध किया लेकिन अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश की जनता का मूड किस पार्टी की तरफ है वैसे तो विधानसभा चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद विभिन्न न्यूज़ एजेंसियां ओपिनियन पोल बनाने में जुट गई एवं लोगों से राय जानने की कोशिश करने लगी।

रिपब्लिक एवं एबीपी सी वोटर सहित कई न्यूज़ चैनल हर महीने ओपिनियन पोल बनाने में जुटे हैं एवं ट्विटर पर फेसबुक पर या अन्य सोशल मिडिया स्रोतों पर जोर शोर के साथ बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जीत रही है लेकिन यह देखकर लगता है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम इन्हें पहले से पता है?

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ओपिनियन पोल / एग्जिट पोल कितने सही होते हैं ?

अगर पिछले साल हुए अप्रैल के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो पश्चिम बंगाल में करीब भाजपा के 10 राज्यों के मुख्यमंत्री एवं 12 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल की गलियों में घूम रहे थे

ओपिनियन पोल की भी नजर इन नेताओं पर पड़ी और इन नेताओं को गलियों में घूमते हुए देख कर ओपिनियन पोल ने बता दिया कि 292 में से 183 विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी , लेकिन विधानसभा चुनाव का परिणाम आने पर भाजपा सिर्फ 77 विधानसभा सीटें ही जीत पाई।

इसके अलावा बिहार , पुडुचेरी, यहां तक कि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में भी ओपिनियन पोल एकदम गलत साबित हुआ ।

इसलिए विधानसभा चुनाव में ओपिनियन पोल द्वारा समाजवादी पार्टी के खाते में करीब 170 सीटें बताई जा रही थी लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर सिर्फ 47 विधानसभा सीटें ही समाजवादी पार्टी जीत पाई।

पुडुचेरी में भी ओपिनियन पोल कांग्रेस को 24 विधानसभा सीटें दी जा रही थी , लेकिन कांग्रेस सिर्फ 8 विधानसभा सीटें ही जीत पाई थी।

ओपिनियन पोल कैसे बनाए जाते हैं ? जानने के लिए यहां क्लिक करें।

Contents
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें होने की वजह से राज्य सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी का खूब विरोध किया लेकिन अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश की जनता का मूड किस पार्टी की तरफ है वैसे तो विधानसभा चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद विभिन्न न्यूज़ एजेंसियां ओपिनियन पोल बनाने में जुट गई एवं लोगों से राय जानने की कोशिश करने लगी।रिपब्लिक एवं एबीपी सी वोटर सहित कई न्यूज़ चैनल हर महीने ओपिनियन पोल बनाने में जुटे हैं एवं ट्विटर पर फेसबुक पर या अन्य सोशल मिडिया स्रोतों पर जोर शोर के साथ बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जीत रही है लेकिन यह देखकर लगता है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम इन्हें पहले से पता है?लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ओपिनियन पोल / एग्जिट पोल कितने सही होते हैं ?अगर पिछले साल हुए अप्रैल के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो पश्चिम बंगाल में करीब भाजपा के 10 राज्यों के मुख्यमंत्री एवं 12 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल की गलियों में घूम रहे थेओपिनियन पोल की भी नजर इन नेताओं पर पड़ी और इन नेताओं को गलियों में घूमते हुए देख कर ओपिनियन पोल ने बता दिया कि 292 में से 183 विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी , लेकिन विधानसभा चुनाव का परिणाम आने पर भाजपा सिर्फ 77 विधानसभा सीटें ही जीत पाई।इसके अलावा बिहार , पुडुचेरी, यहां तक कि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में भी ओपिनियन पोल एकदम गलत साबित हुआ ।इसलिए विधानसभा चुनाव में ओपिनियन पोल द्वारा समाजवादी पार्टी के खाते में करीब 170 सीटें बताई जा रही थी लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर सिर्फ 47 विधानसभा सीटें ही समाजवादी पार्टी जीत पाई।पुडुचेरी में भी ओपिनियन पोल कांग्रेस को 24 विधानसभा सीटें दी जा रही थी , लेकिन कांग्रेस सिर्फ 8 विधानसभा सीटें ही जीत पाई थी।

.

Share This Article
Follow:
News Reporter Team
Happy Holi wishes message राजस्थान में मतदान संपन्न, 3 दिसंबर का प्रत्याशी और मतदाता कर रहे इंतजार 500 का नोट छापने में कितना खर्चा आता है?, 500 ka note banane ka kharcha मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुरू की फ्री में स्मार्ट मोबाइल देने की योजना सावन के पहले सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं , भेजना चाहते हैं