धार्मिक जुलूस के लिए अनुमति लेना जरूरी , मुख्यमंत्री योगी का फैसला

News Bureau
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राजस्थान के करौली में नव वर्ष के अवसर पर एवं दिल्ली में हनुमान जयंती पर हुए दंगों के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अलर्ट मोड पर हैं , मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक सभी अधिकारियों की छुट्टियों को भी निरस्त किया जाएगा एवं धार्मिक जुलूस निकालने के लिए प्रशासन की अनुमति होना जरूरी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली , उत्तर प्रदेश में 4 मई तक सभी प्रशासनिक कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है , वहीं मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन अफसरों ने छुट्टी ले रखी है , उन्हें अगले 24 घंटे में सभी अधिकारियों को वापिस उपस्थित होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थाना अधिकारियों एवं उच्च पुलिस अधिकारियों से वार्ता करते हुए कहां की धर्म गुरुओं से भी इस मामले में संवाद करते रहे। योगी आदित्यनाथ की इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आईजी , पुलिस आयुक्त , मंडल आयुक्त , एडीजी जोन , डीआईजी शामिल थे।

वही मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन ईद होने की संभावना है और इस अवसर पर पुलिस विशेष रूप से संवेदनशील रहे ।

वहीं मुख्यमंत्री आज योगी ने बताया कि ड्रोन कैमरों के जरिए भी विशेष निगरानी रखी जाए , एवं हर रोज शाम को पुलिस बल फुल पेट्रोलिंग जरूर करें।

इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी था कि किसी भी धार्मिक स्थल पर लगाए गए लाउड स्पीकर की आवाज धार्मिक स्थल के परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए।

किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के लिए आयोजकों को शपथ पत्र देना जरूरी होगा , एवं शपथ पत्र में आयोजकों द्वारा शपथ ली हुई होनी चाहिए कि किसी भी प्रकार की सौहार्द नहीं बिगड़ेगी।

सीएम योगी ने कहा की उत्तर प्रदेश की जनता की रक्षा करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य हैं , और ऐसी स्थिति में असामाजिक तत्वों को कोई जगह नहीं है।

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