अजमेर के दर्शनीय स्थल ( Ajmer )
अजमेर की स्थापना सातवीं सदी में अजय पाल चौहान द्वारा मानी जाती है लेकिन प्रमाणित रुप से अजमेर को 1113 ईस्वी में अजय राज चौहान द्वारा बसाया गया। अजमेर को राजस्थान का ह्रदय कहते हैं और इसे भारत का मक्का भी कहा जाता है।
अजमेर के स्थल
- पंच कुंड – पंचकुंड पुष्कर में स्थित है यहां पंचकुंड श्री कृष्ण अभ्यारण व सुधाबाय अभ्यारण स्थित है , माना जाता है कि पांडवों ने यहां अपना अज्ञातवास का कुछ समय बिताया था।
- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह – पूरे भारत में प्रसिद्ध इस दरगाह का निर्माण दो शासकों ने करवाया इस दरगाह का प्रारंभ इल्तुतमिश ने करवाया था एवं इस दरगाह को पूर्ण हुमायूं के शासनकाल में किया गया , यहां गजब की एक तारीख से 6 तारीख तक मेला भरता है , यहां दो बड़ी देग है जिसमें बड़ी देग को अकबर ने एवं छोटी देग को जहांगीर ने दिया था। ( देग कढाई को कहते हैं। )
- अढाई दिन का झोपड़ा – 1153 में बीसलदेव संविधान ने एक संस्कृत पाठशाला का निर्माण करवाया था , जिसे 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़कर एक मस्जिद बना दी इसी मस्जिद को राजस्थान की प्रथम मस्जिद माना जाता है , इसे 16 खंभों का महल भी कहते हैं , यहां पंजाब साहब पीर का ढाई दिन का उर्स यानी कि मेला भरता है , इसी कारण इसे अढाई दिन का झोपड़ा कहते हैं।
- पुष्कर – पुष्कर को तीर्थ स्थल के नाम से जाना जाता है , कार्तिक पूर्णिमा को यहां मेला भरता है जिसे रंगीन मेला भी कहते हैं , पुष्कर झील में दीपदान का प्रचलन है यहां भारत का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर है , भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान किया था एवं गुरु विश्वामित्र ने भी अपनी तपस्या यही पर की , यहां स्थित पुष्कर झील के 52 घाट हैं।
- सोनी जी की नसियां – प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित यह एक जैन मंदिर है एवं इसका निर्माण सेठ मूलचंद सोनी ने करवाया था।
- पृथ्वीराज स्मारक – 13 जनवरी 1980 न्यू में नगर सुधार न्यास द्वारा पृथ्वीराज चौहान के स्मारक का निर्माण करवाया गया यह पुष्कर अजमेर रास्ते की सर्पिल आकार पहाड़ी पर स्थित है।
- आना सागर झील – झील का निर्माण 12 वीं सदी में अर्णोराज चौहान द्वारा करवाया गया , माना जाता है कि इस झील के निर्माण कराने के पीछे से मुख्य उद्देश्य तुर्की सेना के खून से लाल हुई भूमि को शुद्ध करवाना था।
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड – राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय भी अजमेर में स्थित है।
- फॉयसागर झील – झील का निर्माण बांडी नदी के किनारे जल को रोककर 1891 92 में अकाल राहत कार्यों के लिए करवाया।
- ओतेड की छतरियां – यह दिगंबर संप्रदाय की छतरियां हैं।
अजमेर में मुख्य मेले
- तेजाजी का मेला – यह मेला ब्यावर , केकड़ी में लगता है एवं यह मेला भाद्रपद शुक्ल दशमी को आयोजित होता है।
- कल्पवृक्ष मेला – यह मेला मंगलियावास में लगता है एवं श्रावण अमावस्या को आयोजित किया जाता है ।
- बादशाह का मेला – यह मेला ब्यावर अजमेर में लगता है एवं फाल्गुन पूर्णिमा को आयोजित होता है।
- पुष्कर मेला – राजस्थान का प्रसिद्ध मेला कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पड़ता है एवं सर्वाधिक विदेशी पर्यटकों का आगमन इसी मेले में होता है ।
- ख्वाजा साहब का उर्स – रज्जब माह की एक से छह तारीख तक