बात सच की: एक देश एक चुनाव से नेता 5 साल में एक बार ही पार्टी चेंज कर पाएंगे
देश में एक साथ चुनाव करवाने की बात चल रही है तो इसका पक्ष और विपक्ष होना तो लाज़मी है, लेकिन एक देश एक चुनाव से हमारे देश के कई नेताओं को इस कदर नुकसान है कि जो हर 5 साल में दो से तीन बार पार्टी बदल देते हैं या फिर वो राजनीतिक दल लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अलग-अलग के दलों से गठबंधन करते रहते हैं, वो भी विरोध में उतर गए है क्योंकि अपने उन्हें 5 साल में एक बार ही कथित विचारधारा बदलने का मौका मिलेगा ।
उदाहरण के तौर पर इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव में एक था लेकिन यूं ही अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ तो यह गठबंधन बिखरता गया और इसी तरह एनडीए गठबंधन में भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के समय स्थिति गड़बड़ा जाती है।
लेकिन अगर एक देश एक चुनाव होगा तो ऐसे में सच यही है कि इन गठबंधन के दलों को मिलकर चुनाव लड़ना होगा।
(यह लेखक के अपने विचार है।)