बायतु विधानसभा क्षेत्र का इतिहास
2008 के परिसीमन में के बाद अस्तित्व में आई राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु विधानसभा क्षेत्र की सीट पर अब तक रोचक मुकाबला ही रहा। , यह सीट रोचक इसलिए भी है क्योंकि यहां से 2008 में विधानसभा चुनाव जीतने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद बने एवं 2013 के विधानसभा चुनाव जीतने वाले कैलाश चौधरी 2019 में सांसद बने , तीन बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव हुए कोई भी दोबारा नहीं जीत पाया।
बायतु विधानसभा क्षेत्र में अगर जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो यह जाट जाति का बाहुल्य क्षेत्र है। इस विधानसभा क्षेत्र में जिस तरफ जाट वोट बैंक खिचकेगा उसी प्रत्याशी की जीत तय है। इसी वजह से आज तक यहां जाट नेता के अलावा कोई जीत नहीं पाया।
बायतु विधानसभा क्षेत्र चुनाव
- 2008 में बायतु विधानसभा का गठन हुआ।
- 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी को हराकर कांग्रेस प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी ने जीत दर्ज की थी।
- 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी को हराकर भाजपा के कैलाश चौधरी ने जीत दर्ज की थी।
- 2014 में कर्नल सोनाराम चौधरी ने चुनाव हारने के बाद भाजपा ज्वाइन कर दी थी ।, और बाड़मेर जैसलमेर से लोकसभा सदस्य बने।
- 2018 में कांग्रेस के पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने आर एल पी के उम्मेदाराम बेनीवाल को हराकर चुनाव जीता , (आर एल पी पार्टी का गठन 2018 में हनुमान बेनीवाल ने किया था ) और कैलाश चौधरी बाड़मेर जैसलमेर से लोकसभा सदस्य चुने गए। जो कि नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
- बायतु से विधायक हरीश चौधरी को राजस्व मंत्री बनाया गया , लेकिन अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल विस्तार के समय हरीश चौधरी ने राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
- 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता किस ओर पलटी मारती है। ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा।
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