क्या हैं पीएफआई ( PFI kya hai ) , पीएफआई को क्यों बैन करने की तैयारी कर रही हैं सरकार ?
2006-07 में अस्तित्व में आए आईपीएफ को अब केंद्र सरकार बैन करने की तैयारी कर रही है , आपको बता दें कि पी एफ आई का पूरा नाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है , यह तीन मुस्लिम संगठनों से मिलकर बना है , पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट , तमिलनाडु के मनिका नीति पसरई एवं कर्नाटक के फॉर्म फॉर डिग्निटी ने एक साथ मिलकर पीएफआई को अस्तित्व में लाने का काम किया। पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था।
सार्वजनिक तौर पर पीएफआई दावा करता है कि वह मुस्लिम लोगों के हितों के लिए काम करता है।
जैसा कि जांच एजेंसियों का दावा है बताया जा रहा है कि पीएफआई चाहता है कि 2047 तक भारत मुस्लिम राष्ट्र होना चाहिए , एवं न्यूज़ एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई सबसे पहली भाजपा को अपने निशाने पर लेना चाहती थी। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार विभिन्न जांच एजेंसियां पीएफआई के कार्यकर्ताओं से साक्ष्य इकट्ठे कर रही है एवं इसके बाद पीएफआई को बैन करने की सिफारिश करेगी।
और इसलिए पीएफआई अल्पसंख्यक वर्ग के साथ-साथ एससी , एसटी एवं ओबीसी वर्ग को अपने साथ लेकर सत्ता तक पहुंचना चाहता है।
लेकिन देश की कई एजेंसियों ने मिलकर पिछले दिनों 11 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापामारी की , जानकारी के अनुसार करीब 250 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच एजेंसियों ने सबसे पहले पीएफआई के बड़े लोगों पर शिकंजा कसा एवं इन लोगों से महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त किए , एवं दूसरे चरण में जांच एजेंसियों ने उनके कार्यकर्ताओं पर छापामारी की , जांच एजेंसियां तीसरे चरण में जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं तक पहुंचने की तैयारी कर रही है एवं चौथे चरण में भी अवैध रूप से कार्य कर रहे लोगों तक पहुंचेगी।
NIA , ED , CRPF , पुलिस, गृह मंत्रालय , ATS एजेंसियां मिलकर PFI पर ऑपरेशन ऑक्टोपस के नाम से एक अभियान चला रही हैं।