राजस्थान कॉलेज के जीते हुए संयुक्त सचिव परीक्षा में फेल- लेकिन कहीं ये बड़ी बात

News Bureau
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राजस्थान कॉलेज के जीते हुए संयुक्त सचिव परीक्षा में फेल- लेकिन कहीं ये बड़ी बात

राजस्थान कॉलेज के जीते हुए संयुक्त सचिव परीक्षा में फेल- लेकिन कहीं ये बड़ी बात ! राजस्थान में 26 अगस्त को संपन्न हो चुके हैं तथा 27 अगस्त को परिणाम भी घोषित कर दिया गया था।

राजस्थान कॉलेज के जीते हुए संयुक्त सचिव परीक्षा में फेल- लेकिन कहीं ये बड़ी बात
राजस्थान कॉलेज के जीते हुए संयुक्त सचिव परीक्षा में फेल- लेकिन कहीं ये बड़ी बात

लेकिन अब छात्र संघ चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जो है कि राजस्थान कॉलेज से संयुक्त सचिव पद हेतु चुनाव लड़कर जीतने वाले रोहित चौधरी परीक्षा में फेल हो गए हैं।

रोहित चौधरी को कुल 940 मत प्राप्त हुए थे और यह राजस्थान कॉलेज में अब तक किसी भी संयुक्त सचिव प्रत्याशी को प्राप्त होने वाले मतों की सर्वाधिक संख्या है। रोहित चौधरी ने 619 मतों से विजय प्राप्त की थी जोकि राजस्थान कॉलेज में संयुक्त सचिव पद के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

लेकिन अब रोहित चौधरी के फेल होने की वजह से राजस्थान कॉलेज में संयुक्त सचिव का पद खाली रहने की प्रबल संभावना है क्योंकि कोई भी जीता हुआ उम्मीदवार क उसके स्थान पर दूसरे नंबर के प्रत्याशी को वरीयता दी जाती है लेकिन रोहित चौधरी के बाद दूसरे नंबर पर सर्वाधिक मत नोटों को प्राप्त हुए हैं।

इसलिए अब राजस्थान कॉलेज में संयुक्त सचिव का खाली रहेगा।

जानिए क्या रही रोहित चौधरी के फेल होने की वजह-  Really Bharat के संवाददाता ने रोहित चौधरी से फेल होने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने बताया की मेरा फेल होना निश्चित था क्योंकि मैं दो परीक्षाओं के दौरान अनुपस्थित रहा।

जब हमने राजस्थान कॉलेज के संयुक्त सचिव रोहित चौधरी से पूछा कि उनकी अनुपस्थिति की वजह क्या है तो उन्होंने बताया की परीक्षा के दौरान मेरी दादी जी का देहांत हो गया था जिसके चलते मैं दो परीक्षाओं में अनुपस्थित रहा।

जैसे कि रोहित चौधरी ने बताया कि वो दो परीक्षा देने में अनुपस्थित रहे इसलिए फेल हो गए तो फिर हमने चौधरी से जानने का प्रयास किया कि जब उनका फेल होना निश्चित था तो फिर उन्होंने ने चुनाव क्यों लड़ा? तब रोहित चौधरी ने कहा कि मैंने छात्र हितों के लिए संघर्ष किया है जो आगे भी जारी रहेगा और मैंने जिन छात्रों के लिए संघर्ष किया था उस संपूर्ण छात्र शक्ति में मुझे चुनाव लड़ने के लिए बाध्य किया इसलिए मैं उनका भरोसा और विश्वास नहीं तोड़ सकता था इसीलिए मैं यह चुनाव लड़ा।

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