कांग्रेस का ओवर कॉन्फिडेंस: आम आदमी पार्टी से गठबंधन न करना सबसे बड़ी गलती
लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने खुद में बेहतर पाया तो हरियाणा के विधानसभा चुनाव में गठबंधन करना उचित नहीं समझा और ऐसे में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान हुआ। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पांच विधानसभा सीटें जीतने पर अतिविश्वास था।
हरियाणा के पास विधानसभा डबवाली, दादरी, महेंद्रगढ़, असंध, उचाना कलां में भाजपा की जीत का अंतर आम आदमी पार्टी को मिले वोटो से कम था।
ऐसे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन होता तो भारतीय जनता पार्टी को पांच विधानसभा सीटें कम मिलती और ऐसे में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाता।
कांग्रेस पार्टी ने किसान आंदोलन और पहलवानों के मामले पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने की खूब कोशिश की। इसके अलावा अग्निवीर के मुद्दे पर भी भाजपा का कांग्रेस कोई नुकसान नहीं कर पाई।
जाट बेल्ट में भी इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार से ज्यादा विधानसभा सीटें जीती है।
हरियाणा में 57 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई पार्टी लगातार तीसरी बार चुनाव जीत गई।
यह रहा हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम
भाजपा को 90 में से 48 विधानसभा सीटें मिली एवं कांग्रेस पार्टी को 37 विधानसभा सीटें मिली। दो विधानसभा सीटें इनेलों ने जीती, तीन पर निर्दलीय जीते।
अब हरियाणा में अगले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हो सकते हैं, नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव से पहले 200 दिन तक कार्यभार संभाला था।
हालांकि पंजाब से लगी 10 में से 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता और एक पर भाजपा चुनाव जीत पाई, एक विधानसभा सीट पर इनेलो ने बाजी मारी।
ऐसे में हरियाणा से सटे हुए क्षेत्र में किसान आंदोलन का प्रभाव देखा गया।
जेजेपी पार्टी के दुष्यंत चौटाला चुनाव हार गए, अभय चौटाला भी चुनाव हार गए।