36 कौम के नाम क्या हैं ? जानिए क्या हैं 36 कौम का मतलब

News Bureau
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36 कौम के नाम क्या हैं ? जानिए क्या हैं 36 कौम का मतलब ( छत्तीस कौम क्या हैं? )

जब एक से ज्यादा जातियों की मीटिंग होती है या फिर चुनाव के समय चुनावी रैलियां या चुनावी संबोधन होता है तो ऐसे वक्त में हमें 36 कौम शब्द सुनने को मिलता है।

लेकिन ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि आखिर इस 36 कौम का मतलब क्या होता ?

REALLY BHARAT टीम ने जब 36 कौम के बारे में जानना चाहा तो कई परिणाम मिले ।

कौम का मतलब जाति या समाज होता है , लेकिन आखिर 36 जातियां कौन सी है ? जिन्हें 36 कौम के नाम से जाना जाता है। क्योंकि जब हमने राजस्थान में जातियों की सुशी बनानी शुरू की तो हमें राजस्थान के अन्य पिछड़ा वर्ग में भी 36 से ज्यादा जातियां मिल गई। इसका मतलब कहा जा सकता है कि जातियों की लिस्ट में से कुछ जातियों को 36 कौम की लिस्ट में शामिल किया गया।

इसके बाद हमें एक प्राचीन दस्तावेज की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त हुई , जिसका नाम है अजमेर मेरवाड़ा गजेटियर।

अजमेर मेरवाड़ा गजेटियर में 37 जातियों का उल्लेख किया गया है । लेकिन जब भी हम चुनावी माहौल या समाजों के बीच की वार्ताओं में देखते या सुनते हैं तो 36 कॉम का ही जिक्र होता है। तो फिर किस जाति को निकालकर 36 कौम शब्द का निर्माण किया गया ? इसके बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है यानी कि कहा जा सकता है कि जैसा लोग अपने पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं , वैसा ही बोलते जा रहे है।

अजमेर-मेरवाड़ा गजेटियर में शामिल जातियां –

  1. महाजन
  2. मुस्लिम
  3. माली
  4. लोहार
  5. राजपूत
  6. जाट
  7. ठठेरा
  8. लखारा
  9. सोनार
  10. तेली
  11. छीपा
  12. ब्राह्मण
  13. नाई
  14. ढोली
  15. दर्जी
  16. चूनगिनार
  17. गुर्जर
  18. बुनकर
  19. मोची
  20. खटीक
  21. धोबी
  22. रावत
  23. घोसी
  24. कसाई
  25. कलाल
  26. चीता
  27. रंगरेज
  28. मेहरात
  29. हरिजन
  30. धानका
  31. बलाई
  32. कुम्हार
  33. चमार / रेगर
  34. सुथार
  35. केवट
  36. भिश्ती
  37. फकीर

ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आने वाली जातियों की सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें । Click here 

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