सरपंच , वार्ड पंच , प्रधान , पार्षद , विधायक , सांसद , पंचायत समिति सदस्य , जिला परिषद सदस्य , जिला प्रमुख व्यक्तियों को स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों में जरूर बुलाया जाता है एवं उन्हें वहां पर संबोधन देने के लिए भी जरूर कहा जाता है।
लेकिन कई बार इन पदों पर चुने गए व्यक्तियों को समझ नहीं आता कि आखिर संबोधन के में क्या कहना है?
विभिन्न पदों पर चुने गए सम्मानित नागरिकों को अपने संबोधन के अंतर्गत इन सब बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण कैसे दें ?
- सबसे पहले आप को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देनी होगी।
- इसके बाद स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन की शुरुआत में कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों का स्वागत एवं आभार जताना होता है।
- इसके बाद संबोधन की विस्तृत रूप से शुरुआत कर सकते हैं।
- संबोधन में ध्यान रखें कि कार्यक्रम में तमाम अलग-अलग पार्टियों के व्यक्ति मौजूद होते हैं । ऐसे में हमेशा पार्टी या पार्टी से जुड़े नेता जैसे कि मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री की सराहना किए बगैर अपने संबोधन को जारी रखें , अगर आप प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के किसी काम का जिक्र करना चाहते हैं तो हमेशा पार्टी का नाम लिए बगैर किसी भी काम का जिक्र कर सकते हैं। एवं किसी भी नेता की आलोचना भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से वहां पर उपस्थित लोगों में आपका एक अच्छा संदेश जाएगा।
- इसके बाद आप स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने क्षेत्र में बढ़ रहे भ्रष्टाचार , अपराध , जातिवाद पर भी खुलकर बोल सकते हैं एवं इन सब बुराइयों को नष्ट करने के लिए लोगों से साथ चलने की अपील भी कर सकते हैं।
- स्वतंत्रता दिवस पर ज्यादातर कार्यक्रम स्कूल एवं कॉलेजों में आयोजित किए जाते हैं यानी कि आपके संबोधन को सुनाने वाले ज्यादातर स्कूल छात्र ही होते हैं तो ऐसे में अपने संबोधन को कठिन भाषा में कभी भी तैयार ना करें। क्योंकि कठिन भाषा में संबोधन तैयार करने से सामान्य स्कूली विद्यार्थियों को समझ में आना मुश्किल होता है।
- अपने संबोधन के अंत में पुनः एक बार स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देकर अपना संबोधन खत्म कर देना चाहिए।