नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सांसद कोष से स्वीकृत करवाया था शहीद स्मारक का बजट
नागौर के शहीद रामेश्वर के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को न बुलाने को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं।दरअसल नागौर के कुचामन पंचायत समिति के हिराणी गांव (वर्तमान में रामेश्वर नगर ) में शहीद रामेश्वर लाल परसवाल के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को नहीं बुलाया गया लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की सांसद कोष से ही इस मूर्ति का निर्माण हुआ है ।
गुरुवार को नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने इस शहीद स्मारक का अनावरण किया अनावरण पट्टिका पर ना तो सांसद बेनीवाल का नाम था और नहीं सांसद कोष से निर्माण होने का जिक्र था ।
जानकारी के अनुसार शहीद रामेश्वर लाल की विरांगना व परिजनों ने सांसद बेनीवाल से 9 सितंबर 2020 को मुलाकात करके शहीद की मूर्ति के मूर्ति निर्माण के लिए ₹25 लाख का बजट स्वीकृत करने की अर्जी दी थी , सांसद बेनीवाल ने 12 दिसंबर 2020 के लिए 11 लाख रुपए बजट स्वीकृत किया । इसके बाद 22 दिसंबर को कलेक्टर ने स्वीकृति प्रदान कर दी एवं 29 दिसंबर 2020 को जिला परिषद नागौर में स्वीकृति प्रदान करके ग्राम पंचायत को इस कार्यकारी एजेंसी बनाया गया।
इसके बाद ग्राम पंचायत में मूर्ति का निर्माण करवाया और मूर्ति तैयार होने पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को याद नहीं किया गया , बल्कि सांसद बेनीवाल का नाम आवरण पट्टी का पर भी दर्ज नहीं किया। जबकि नियमानुसार जिस किसी सांसद या विधायक की ओर से कोई निर्माण होता है तो संबंधित विधायक या सांसद को जरूर बुलाया जाता है।
गुरुवार देर शाम बेनीवाल को इस बात का पता लगने पर बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए बताया कि नावां के स्थानीय विधायक जोकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दत्तक पुत्र बने हुए बैठे हैं , उन्होंने शहीद परिवार पर दबाव बनाते हुए खुद ने शहीद की मूर्ति का अनावरण कर दिया जबकि जिस सांसद कोर्स से इस मूर्ति का निर्माण किया गया है , संबंधित सांसद को भी नहीं बुलाया गया।
वहीं नवा विधायक महेंद्र चौधरी जो कि राजस्थान राजस्थान सरकार में उप मुख्य सचेतक भी है , बताया कि उन्हें शहीद परिवार ने आमंत्रित किया था इसी वजह से वह शहीद के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। विधायक महेंद्र चौधरी ने बताया कि शहीद परिवार कुछ दिन पहले उनसे मिला था और उन्होंने गांव का नाम शहीद के नाम पर रखने का निवेदन किया था , मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करके गांव का नाम रामेश्वर नगर करवा दिया है।