राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थान

राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थान

राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थानों का विशेष महत्व रहा है। राजस्थान के लोकगीत राजस्थान के संस्कृति के वाहक है। जिनमें मानव जीवन में आने वाली कठिनाइयों के संदेश निहित है जो खुशी तथा दुख दोनों को व्यक्त करते हैं।

जानिए राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थान

जयपुर कत्थक केंद्र, जयपुर- जयपुर कत्थक घराने की प्राचीन एवं शास्त्रीय नृत्य शैली को पुनर्जीजीवित कर उस उन्नयन हेेतुु सरकार द्वारा 1978 में स्थापित कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण एवं नृत्य शिक्षा देने का कार्य कर रहा है।

राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थान
राजस्थान में कला एवं संगीत संस्थान

भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर- पदम श्री से सम्मानित देवीलाल सामर द्वारा प्रदर्शनकारी लोक कलाओं एवं कठपुतलियों की शोध, सर्वेक्षण, प्रशिक्षण एवं प्रचार प्रसार के उद्देश्य से 1952 में इस संंस्थान कि स्थापना की गई। इस संस्थान मेंं ख्याति प्राप्त लोक संस्कृति संग्रहालय हैं।

पश्चिमी सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर- देश की लुप्त हो रही कलाओं के पुनरुत्थान करनेेेे, कलाकारों को उपयुक्त मंच उपलब्ध करवा कर उनकी कला को समुन्नत करने एवं प्रचार प्रसार हेतु भारत सरकार द्वारा स्थापित 7 क्षेेत्रीय केंद्रों में से एक यह केंद्र 1986 में स्थापित किया गया।

जवाहर कला केंद्र, जयपुर- जयपुर राज्य की पारंपरिक एवं विलुप्त हो रही कलाओं के संरक्षण खोज एवं संवर्धन करने एवं उनका समन्वित विकास करने के उद्देश्य से स्थापित इस केंद्र का उद्घाटन, 8 अप्रैल 1993 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा द्वारा किया गया था। इस भवन के वास्तुविद श्री चार्ल्स कोरिया थे।

रूपायन संस्थान बोरुंदा (जोधपुर)- राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत एवं वाद्य यंत्रों के संरक्षण लुप्त हो रही कलाओं की खोज व उनके उन्नयन एवं लोक कलाकारों को प्रोत्साहित कर उनके विकास हेतु समर्पित संस्थान, जिसके संस्थापक पदम श्री कोमल कोठारी थे। वर्तमान में इस संस्थान का मुख्यालय जोधपुर में है।

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर- राज्य में सांगीतिक, नृत्य एवं नाट्य विधा के प्रचार प्रसार, संरक्षण एवं उन्नयन करने तथा उनके माध्यम से राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1957 में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में इसकी स्थापना की गई। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रमेश बोराणा है ‌।

राजस्थान संगीत संस्थान, जयपुर- संगीत शिक्षा कि समृद्धि हेतु सन 1950 में स्थापित यह संस्थान विभिन्न वाद्य यंत्रों, नृत्य एवं गायन का प्रशिक्षण प्रदान करता है। एवं समय-समय पर ख्यातनाम संगीतज्ञों के कार्यक्रम आयोजित करता है।

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