खींची राजपूत वंश का इतिहास Khinchi Rajput History Itihas

News Bureau
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खींची राजपूत वंश का इतिहास Khinchi Rajput History Itihas

राजपूत जाति के अंदर खींची शाखा को चौहान वंश की शाखा बताई जाती हैं, कहा जाता है कि खींची अग्निवंशी राजपूत की संतान हैं।

खींची राजपूतों की वंशावली व भाट इस शाखा का संबंध सागवान साम्राज्य के राजा पृथ्वीराज तृतीय से मानते हैं, पृथ्वीराज तृतीय 1992 ई में तराइन के दूसरे युद्ध में मोहम्मद गौरी से युद्ध हार जाते हैं।

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में खीचलीपुर का संबंध खींची गोत्र के लोग अपनी गोत्र से मानते हैं।

इसके अलावा खींची गोत्र के लोग राजस्थान के कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं, राजस्थान के लोक देवता पाबूजी के बहनोई जिंद राव भी खींची गोत्र से था, जिसके साथ बाद में लोक देवता पाबूजी का युद्ध हुआ एवं गायों को लेकर हुए युद्ध में पाबूजी अमर हो गए थे।

हालांकि खींची गौत्र के बारे में ज्यादा इतिहास प्राप्त नहीं होता हैं, एवं मुख्य रूप से इनका संबंध राजस्थान के अजमेर से माना जाता हैं एवं अजमेर के चौहान वंश की ही शाखा बताई जाती हैं।

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News Reporter Team
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