खींवसर विधानसभा सीट का इतिहास , Khinwsar Vidhansabha Election History
राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से खींवसर की विधानसभा सीट चर्चित रहती है , क्योंकि इस सीट का परिसीमन होने के बाद यहां पर हनुमान बेनीवाल का प्रभुत्व रहा है।
हनुमान बेनीवाल लोक सभा सदस्य हैं, लेकिन यहां पर उनका छोटा भाई नारायण बेनीवाल विधानसभा सदस्य हैं।
खींवसर विधानसभा सीट का परिसीमन 2008 में हुआ था , 2008 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
2013 में भारतीय जनता पार्टी से हनुमान बेनीवाल को निष्कासित कर दिया गया , हनुमान बेनीवाल को निष्कासित करने के बाद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और उन्होंने कुल 157078 वोटों में से 65399 यानी कि 41% वोट पाकर जीत दर्ज की । 2013 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के दुर्ग सिंह द्वितीय स्थान पर रहे थे।
2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रामचंद्र को प्रत्याशी घोषित किया , कांग्रेस ने सवाई सिंह चौधरी को विधानसभा सदस्य हेतु प्रत्याशी घोषित किया , एवं बसपा ने रामपाल मेघवंशी को चुनाव के मैदान में उतारा। इधर हनुमान बेनीवाल 2018 में अपनी पार्टी का गठन करते हैं , और अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से चुनाव के मैदान में उतरते हैं।
हनुमान बेनीवाल को 2018 के विधानसभा चुनाव में 83096 वोट मिलते हैं , हनुमान बेनीवाल करीब 65399 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल नागौर से लोकसभा सदस्य चुने जाते हैं। हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होते हैं , जिनमें हनुमान बेनीवाल अपने छोटे भाई नारायण बेनीवाल को अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतारते हैं , खींवसर विधानसभा के उपचुनाव में नारायण बेनीवाल की जीत हुई थी । जो कि वर्तमान (2022 ) में यहां से विधायक हैं।
खींवसर विधानसभा सीट जाट बाहुल्य इलाका है एवं सामान्य विधानसभा क्षेत्र है , जो कि मारवाड़ क्षेत्र में सम्मिलित है।