तलाक लेने का तरीका, कैसे लिया जाता है आपसी सहमति से तलाक
शादी के बाद पति एवं पत्नी अगर अपनी सहमति से अलग होना चाहते हैं तो हिंदू मैरिज एक्ट 1955 धारा 13 बी में आपसी सहमति से तलाक का जिक्र किया गया है।
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आपसी सहमति से तलाक लेने के तरीके
- अगर पति और पत्नी दोनों के बीच लगातार लड़ाई चल रही हो और सुलह की कोई गुंजाइश ना बची हो तो इसके बाद तलाक की अर्जी लगाई जा सकती है।
- अगर पत्नी एवं पति दोनों 1 साल या उससे ज्यादा समय से अलग रह रहे हैं , तो भी तलाक के लिए अर्जी लगा सकते हैं।
- पति- पत्नी द्वारा तलाक की अर्जी लगाने के 6 महीने के भीतर अगर दोनों में से कोई एक अर्जी वापस ले लेता हैं, तो आपसी सहमति से तलाक नहीं होगा।
- नए नियमों के अनुसार 6 महीनों की अवधि को कम किया जा सकता है, अगर पति या पत्नी में से कोई एक आवेदन करें तो जांच के बाद कोर्ट यह समय कम कर सकता हैं।
- आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए प्रॉपर्टी एवं बच्चों की कस्टडी के मामले में भी पति एवं पत्नी की रजामंदी होना जरूरी है।