राजस्थान में एक कहावत प्रचलित है कि यहां क्या नाथी का बाड़ा समझ रखा है? लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि नाथी का बाड़ा क्या है और यह कहां है ?
वर्तमान में जिस तरह से जिस तरह से भंडारण गृह ( गोदाम) होते हैं , पुराने समय में उनको बाड़ा कहते थे ।
राजस्थान के पाली जिले के भांगेसर गांव में आज से करीब 160 साल पहले पालीवाल ब्राह्मण के घर नाथी नामक लड़की का जन्म हुआ , लेकिन इस लड़की का बाल विवाह कर दिया गया , लेकिन संयोग से नाथी के पति का निधन विवाह के कुछ महीनों बाद हो गया , नाथी के ससुराल वालों के पास काफी धन था।
वही उस समय विधवा विवाह का प्रचलन नहीं था , इस वजह से ना थी अकेली रहने लगी लेकिन आती नहीं अपने आदर्श विचारों से सबकी मदद करने की सोची , आ जाता है कि गांव की गरीब लोगों के पास अगर किसी भी चीज की कमी होती तो वह नाथी बाई के पास आते और नाथी बाई भी अपने घर आने वाले किसी भी इस व्यक्ति को खाली हाथ लौटने नहीं देती , नाथी बाई अपने घर से उधार पैसे ले जाने वाले लोगों से वापिस पैसे भी नहीं मांगती , नाथी बाई ने अपने बाड़े में कुए का भी निर्माण करवाया था जिससे वर्तमान में भी स्थानीय लोग पानी ले जाते हैं ।
नाथी अपने पैसों का हिसाब नहीं रखती थी , उससे पैसे मांगता उन्हें वह पैसे दे देती।
नाथी बाई के परिवार के बारे में 2 बातें प्रचलित है कुछ लोग कहते हैं कि नाथी बाई ने बुढ़ापे में अपने सहारे के लिए एक बच्चे को गोद लिया और इसी बच्चे का परिवार वर्तमान में नाथी बाई को अपना पूर्वज मानता है।
कुछ लोगों के अनुसार एक पुत्र व उनके दो पुत्रियां थीं , जिनकी शादी नाथी बाई ने बड़े धूमधाम से की थी और कहते हैं कि नाथी बाई की बेटियों की शादी में इतना घी बहाया , कि गांव की सीमा तक घी का नाला चला गया।
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