चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम एवं शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर और कमान ज़ब्त कर लिया गया है , लेकिन उद्धव ठाकरे के खेमे ने मुंबई के अंधेरी पूर्व में आगामी दिनों में होने वाले उपचुनावों में चुनाव लड़ने के लिए मनसा जाहिर करते हुए शिवसेना के मामले पर निर्णय लेने का अनुरोध किया , इसके बाद चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए दोनों गुटों से सोमवार तक तीन – तीन नाम और तीन – तीन चुनाव चिन्ह के सुझाव मांगे हैं , चुनाव आयोग को सौंपी गए तीन नामों में से चुनाव आयोग किसी एक नाम पर मुहर लगाएगा । जो कि बाद में उस खेमे का नया नाम एवं नया चुनाव चिन्ह होगा।
उद्धव ठाकरे के गुट की पहली पसंद ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ हैं , जबकि ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ दूसरी पसंद है. वही तीसरे नाम का सुझाव ‘शिवसेना बालासाहेब प्रबोधंकर ठाकरे’ दिया गया है , चुनाव चिह्न के लिए उद्धव खेमे की पहली पसंद ‘त्रिशुल’ और दूसरी पसंद ‘उगते सूरज’ को रखा है , तीसरी पसंद ‘मशाल’ दी गई है।
उद्धव ठाकरे के गुट की ओर से बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस बार पार्टी के नाम में इस्तेमाल किए जाने की रणनीति अपनाई गई है ।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार से एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी और इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी नई सरकार बनाई और इस सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए एवं भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने ।
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इसके बाद एकनाथ शिंदे के गुट द्वारा शिवसना पर दावा किया जा रहा था , तो वहीं उद्धव ठाकरे का गुट शिवसेना पर अपना दावा जाता रहा था इसके बाद चुनाव आयोग ने दोनों को अलग-अलग नाम और अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित करने का निर्णय लिया । जून में शिवसेना के दो भाग होने के बाद दोनों गुट खुद असली शिवसेना का हकदार होने का दावा लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे।