ताइवान व चीन के बीच बन रहे युद्ध के हालात , क्या युद्ध हो जाएगा ?

News Bureau
3 Min Read

नैंसी पेलोसी के ताइवान से वापिस अमेरिका रवाना होने के बाद भी चीन चुप नहीं बैठ रहा है। चीन लगातार युद्ध अभ्यास कर रहा है एवं चीन का युद्ध अभ्यास करीब 6 जोन में किया जा रहा है , वहीं चीन का यह युद्धाभ्यास 7 जनवरी तक चलेगा ।

युद्धाभ्यास क्षेत्र में चाइना ने किसी भी जहाज के प्रवेश से रोक लगा दी है।

क्या युद्ध जैसी है स्थिति ?

चीन की ताजा हाल चल को देखा जाए तो ऐसा नहीं लग रहा है कि चीन ताइवान पर हमला करेगा । लेकिन चीन ताइवान को डराना जरूर चाहता है और चीन चाहता है कि ताइवान हमेशा उससे डरता रहे ।

आखिर में युद्ध जैसे हालात होते हैं तो चाइना के साथ कोई भी मजबूत देश हाथ मिलाने को तैयार नहीं होगा, और यह बात चाइना खुद जानता है । हालांकि चीन के साथ कई अन्य देश समर्थन कर सकते हैं जैसे कि बुधवार को पाकिस्तान की ओर से चीन का समर्थन किया गया और नैंसी पेलोसी की निंदा की गई । लेकिन इन देशों के पास कोई खास मजबूती नहीं है ।

अमेरिका ताइवान के साथ लगातार खड़ा है एवं युद्ध के हालात में भी खड़ा रहने का आश्वासन दे चुका है। रूस की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन संभावना है कि रूस भी अगर युद्ध से हालात बनते हैं तो ताइवान का साथ देगा।

आखिर क्या है विवाद

चीन मानता है कि ताइवान चीन का ही हिस्सा है ,लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है एवं वहां पर लोकतांत्रिक तरीके से सरकार भी चुनी हुई है। हाल ही में अमेरिका की नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया तो चीन ने इस दौरे का विरोध करते हुए कहा कि ताइवान चीन का हिस्सा है और ऐसे में अगर अमेरिका से ताइवान में किसी का दौरा होता है तो चाइना की अनुमति के बिना यह नहीं हो सकता।

लेकिन अमेरिका ने चीन की बात नहीं सुनी और नैंसी पेलोसी को दौरे की अनुमति दे दी।

और इसी बात पर चीन ताईवान को अमेरिका से नाराज नजर आ रहा है।

ताइवान क्या है ?

ताइवान एक देश है जो कि चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है , यानी कि ताइवान की सीमा किसी भी देश से नहीं लगती है। यानी कि कह सकते हैं कि ताइवान एक द्वीप है।

ताइवान में लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चुनी जाती है , तो चीन में राजतांत्रिक तरीके से सरकार सुनी जाती है।

TAGGED:
Share This Article