जालोर: दलित छात्र की मौत के चौंकाने वाले खुलासे , समाज का सरकार के खिलाफ गुस्सा

News Bureau
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जालौर के बच्चे की मौत स्कूल के टीचर द्वारा पीटने से की हुई , इस बच्चे को 20 जुलाई को स्कूल के टीचर द्वारा थप्पड़ मारे गए थे , वही इस लड़के की 13 अगस्त को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बीच इस बच्चे के इलाज के लिए परिजन कई अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए घूमते रहे एवं इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद अपने बच्चे को इलाज के लिए भर्ती करवाया।

13 अगस्त को बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने एफआइआर करवाई एवं आरोपी शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया , वहीं sc-st एक्ट व मर्डर की धारा के अंतर्गत आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

इसके बाद देशभर में लोगों ने शिक्षक को कठोर सजा देने एवं परिवार को उचित न्याय देने के लिए सरकार से मांग की । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मामले के संज्ञान में आने के ट्वीट करके परिवार को पांच लाख की आर्थिक सहायता देते हुए आरोपी टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिए।

वही देश भर का दलित समाज इस घटना के बाद सरकार से ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहा है।

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट , कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा , विधायक रूपाराम मेघवाल , बीजेपी नेता एवं राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा सहित कई नेता 16 व 17 अगस्त को जालौर के मृतक के परिजनों से गांव सुराणा में मुलाकात करेंगे।

छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों का आरोप है कि इंद्र कुमार ने शिक्षक की मटकी से पानी पी लिया था और शिक्षक ने इसी कारण इंद्र कुमार की पिटाई की।

लेकिन पुलिस रिपोर्ट के अनुसार अभी तक इस प्रकार का कोई कारण सामने नहीं आया है , यानी कि पुलिस के अनुसार मटकी से पानी पीने के कारण शिक्षक ने बच्चे की पिटाई की इस प्रकार का कोई सबूत नहीं मिला ।

वहीं लल्लन टॉप की ओर से दावा किया गया कि उन्होंने स्कूल के छात्रों से बात की तो एक छात्र ने लल्लनटॉप की टीम को बताया कि इंद्र कुमार एवं उसकी पिटाई दोनों के आपसी झगड़े के कारण की गई थी। और किसी कागज के टुकड़े के कारण उन दोनों में लड़ाई हुई है , उसके बाद शिक्षक ने उन दोनों की पिटाई की।

इस स्कूल में पढा रहे अनुसूचित जाति के अध्यापकों ने बताया कि स्कूल के सभी छात्र एवं शिक्षक एक ही मटकी से पानी पीते हैं ‌।

इधर भतीजे इंद्र कुमार के चाचा ने दावा किया है कि उनके साथ जातिवाद होता है एवं उन्हें बाल कटवाने के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

अब आपके मन में सवाल आता होगा कि 20 जुलाई को एक शिक्षक द्वारा छात्र को पीटा गया एवं 13 अगस्त को छात्र की मौत हो गई , लेकिन इसी बीच एफआईआर क्यों नहीं करवाई गई ?

इस सवाल का जवाब एक वायरल ऑडियो रिकॉर्डिंग है , इस रिकॉर्डिंग में आरोपी शिक्षक एवं मृतक छात्र के पिता के बीच कॉल पर बात हो रही है , शिक्षक शैल सिंह ने मृतक के पिता को इलाज का खर्चा देने की बात कही थी एवं शिक्षक ने कॉल पर अपनी गलती भी स्वीकार की।

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