नागौर में कांटे की टक्कर, सभी समाज इस बार निर्णायक भूमिका में
नागौर लोकसभा सीट पर मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा व आरएलपी कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के बीच हैं।
नागौर की लड़ाई अब हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा लिए वर्चस्व लड़ाई हो गई है, अगर ज्योति मिर्धा इस बार भी लोकसभा चुनाव हार जाती है तो राजनीति कैरियर खात्मे होने की और बढ़ सकता है क्योंकि ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं।
हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को विधानसभा चुनाव में खास सफलता नहीं मिली, लेकिन इस बार अगर हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव हार जाते हैं तो हनुमान बेनीवाल व आरएलपी पार्टी पर बुरा असर पड़ेगा।
हनुमान बेनीवाल व ज्योति मिर्धा जाट समाज से आते हैं और जाट समाज दो खेमों में बंटने के बाद अब मुस्लिम, मेघवाल, राजपूत सहित अन्य समाज निर्णायक भूमिका में रहेंगे।
ज्योति मिर्धा एक बार नागौर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से सांसद रह चुकी है, हनुमान बेनीवाल भाजपा गठबंधन से एक बार सांसद रह चुके हैं।
हनुमान बेनीवाल यहां पर ज्योति मिर्धा को बाहरी बता रहे है और चुनाव के बाद क्षेत्र में एक्टिव नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं।
इधर ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल से बेहतर विकास करवाने का दावा कर रही हैं।