हनुमान बेनीवाल बाड़मेर नहीं आएंगे, उम्मेदाराम का प्रचार करने से इन्कार
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और आरएलपी पार्टी का गठबंधन करके नागौर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, अब हनुमान बेनीवाल कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में दूसरे लोकसभा सीटों पर वोट की अपील कर रहे हैं।
लेकिन हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को चुनावी संबोधन के दौरान कहा कि मेरी पार्टी को तोड़ा गया, इसलिए मैं कांग्रेस का प्रचार करने के लिए बाड़मेर नहीं जाऊंगा ।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मेरी पार्टी को तोड़ने के लिए समाज के कुछ नेताओं और शेखावाटी के एक बड़े कांग्रेसी नेता का हाथ हैं।
हनुमान बेनीवाल की पार्टी से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी। उम्मेदाराम के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें बाड़मेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया।
लेकिन इसी दौरान हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का भी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन हो गया, अब आरएलपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल के समर्थन में आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने मना कर दिया है।
उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस में शामिल करने करने के लिए स्थानीय कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी, बायतु विधायक हरीश चौधरी एवं कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा की प्रमुख भूमिका रही थी। अब हनुमान बेनीवाल ने भी आरएलपी को तोड़ने के लिए शेखावाटी के नेता का रोल बताया हैं।
इधर आरएलपी और कांग्रेस के गठबंधन में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुख्य भूमिका रही थी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से ही यह गठबंधन होना बताया जा रहा हैं।
बाड़मेर में आरएलपी को बड़ा झटका
बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद आरएलपी के लिए यह बड़ा झटका हैं, बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल आरएलपी की मजबूत नेता थे।