जानिए घग्घर नदी के बारे में, जिसे मृत नदी कहा जाता हैं।
इस लेख में हम घग्घर नदी की चर्चा करेंगे , जैसे आम भाषा में दृष्द्वती नदी कहा जाता हैं । घग्गर नदी को मृत नदी के नाम से जाना जाता है , घग्घर नदी को नट नदी के नाम से भी जाना जाता हैं। इसके अलावा घग्गर नदी को सोतर नदी एवं ब्रह्मव्रत नदी के नाम से भी जाना जाता हैं।
घग्घर नदी का उद्गम स्थल हिमाचल प्रदेश की शिवालिक पहाड़ियां हैं , इन पहाड़ियों को कालका पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है।
प्राचीन समय में घग्घर नदी के किनारे हरियाणा राज्य के अंदर बनवाली सभ्यता का विकास हुआ था ।
अपन बात करते हैं कि राजस्थान में घग्घर नदी का बहाव क्षेत्र कहां पर है ?
राजस्थान में घग्घर नदी श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले में बहती है।
घग्घर नदी के किनारे राजस्थान में कालीबंगा , रंगमहल एवं पीलीबंगा सभ्यताओं का विकास हुआ था ।
घग्गर नदी को राइस बेल्ट के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में चावल की खेती अधिक होती हैं। एवं घग्गर नदी ( घग्घर नदी ) का मैदान बग्गी के नाम से प्रसिद्ध है।
घग्घर नदी देश की सबसे लंबी नदी है जो कि आंतरिक प्रवाह वाली नदी हैं , इस नदी की कुल लंबाई 465 किलोमीटर है जिनमें से 120 किलोमीटर की लंबाई राजस्थान में है।
घग्घर नदी के किनारे हरियाणा के हिसार में ओटू झील का निर्माण करवाया गया हैं , वही राजस्थान के हनुमानगढ़ में भटनेर दुर्ग का भी निर्माण इसी के किनारे करवाया गया है। एवं भटनेर दुर्ग काफी प्राचीन दुर्ग भी है।
राजस्थान में इस प्रवाह क्षेत्र को नाली के नाम से जाना जाता है एवं पाकिस्तान में से हकरा कहते हैं।
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अगर घग्र नदी के किनारे बसे शहरों की बात करें तो इसका कालका माता पहाड़ियों से प्रारंभ होकर हरियाणा के अंबाला , पंजाब के पटियाला , हरियाणा के हिसार, हरियाणा के सिरसा एवं राजस्थान के भटनेर, एवं पाकिस्तान का फोर्ट अब्बास घग्घर नदी के किनारे बसे हुए हैं।