लोकसभा चुनाव से पहले राजपूत वोटर्स भाजपा से नाराज क्यों हुए ?
उत्तरप्रदेश में राजपूत समाज भारतीय जनता पार्टी का विरोध करता नजर आ रहा है लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का राजपूत समाज द्वारा किया जा रहा विरोध चुनाव में भारी नुक्सान पहुंचा सकता है।
राजपूत समाज के नेता एवं राजपूत उत्थान सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोम कहते हैं कि जब राजनीति में ठाकुरों को हिस्सेदारी नहीं है तो भाजपा को वोट क्यों दें ?
राजनाथ सिंह ने सहारनपुर में रैली के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अफवाह फैला रही है कि राजपूत वोटर भाजपा से नाराज है लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से तो पूरा यूपी नाराज है राजपूत समाज हमारा है हम उसे मना लेंगे।
इन सभी बयानों के बाद जानते हैं कि राजपूत वोटर आखिर भारतीय जनता पार्टी से नाराज क्यों हो गए ?
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 10 साल में 50 प्रतिशत राजपूत प्रत्यशियों के टिकट काट दिए ।
उत्तर प्रदेश में 10% राजपूत की आबादी हैं, सभी 80 लोकसभा सीटों में से 15 लोकसभा सीटों पर राजपूतों की मजबूत स्थिति है।
मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद सहित कई शहरों में अब भाजपा का बहिष्कार करने के पोस्टर लगे हुए हैं।
अलीगढ़ में ब्राह्मण को टिकट मिलने के बाद राजपूत नेताओं का कहना है कि सतीश गौतम की जगह किसी राजपूत नेता को टिकट दिया जाना चाहिए था लेकिन अनदेखी की गई।
पश्चिमी यूपी की 26 लोकसभा सीटों में से एक लोकसभा सीट पर राजपूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा, इसके अलावा केंद्रीयमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा राजपूत महिलाओं पर की गई टिप्पणी के बाद राजपूत समाज द्वारा इसका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं।
उत्तरप्रदेश से दो राजपूत नेता प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे, जिनमें विश्वनाथ प्रतापसिंह एवं चंद्रशेखर सिंह शामिल हैं।
एवं यूपी में पांच मुख्यमंत्री भी राजपूत बने जिनमें त्रिभुवन नारायण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, वीर बहादुर सिंह, राजनाथ सिंह व योगी आदित्यनाथ शामिल हैं।