नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पार्टी जेडीयू एवं भारतीय जनता पार्टी के बीच का गठबंधन टूट गया है बिहार में 5 साल बाद फिर ऐसा हुआ है 2017 में जेडीयू ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
नीतीश कुमार ने जेडीयू के मीटिंग में भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हमें कमजोर करने की कोशिश कर रही है एवं भाजपा ने मुझे अपमानित किया है भाजपा केंद्र में आने के बाद से ही सिर्फ धोखे कर रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू की मीटिंग के बाद सीधे राजभवन पहुंचे जहां पर उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंपा एवं इसके बाद नीतीश कुमार ने अपनी सरकार बनाने का दावा भी किया उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन पत्र को राज्यपाल को सौंपा।
नीतीश कुमार को पूरे विपक्ष का समर्थन मिला है एवं नीतीश कुमार के पार्टी जेडीयू के 45 विधायक हैं एवं आरजेडी के 79 विधायक हैं वहीं कांग्रेस के 19 एवं हम के 4 एवं लेफ्ट के 16 विधायक नीतीश कुमार के समर्थन में है।
महागठबंधन की अगली सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे एवं सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हो सकते हैं वहीं कांग्रेस को स्पीकर का पद मिल सकता हैं।
नीतीश कुमार जी इस्तीफा देने के बाद राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे हैं जहां पर आरजेडी , कांग्रेस एवं माले के विधायक उपस्थित हैं।
राजभवन के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गठबंधन के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचेंगे।
बीजेपी एवं नीतीश कुमार कि जेडीयू के बीच पिछले काफी समय से मतभेद चल रहा था , लेकिन बीजेपी ने भी गठबंधन के बीच पड़ रही दरारों को सुलझाने की कोशिश नहीं की। नीतीश कुमार जेडीयू के सांसदों को केंद्र में उचित मंत्री पद ना देने जैसे कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी से नाराज थे। एवं नीतीश कुमार रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह कार्यक्रम एवं नई राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के शपथ समारोह 17 जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आयोजित की गई मुख्यमंत्रियों की बैठक सहित कई कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं हुए थे।
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