राजस्थान के पंचपीर
राजस्थान में वो लोकदेवता जिन्हें हिंदू व मुसलमान दोनों पूजते हैं पंच पीर कहलाते हैं। राजस्थान में 5 लोग देवताओं को पंच पीर माना जाता है। जिनके नाम पाबूजी, गोगाजी ,हडबु जी ,रामदेव जी और मेहाजी मांगलिया है।
पाबूजी
इन के अन्य नाम गायों का मुक्तिदाता , प्लेग रक्षक , लक्ष्मण का अवतार , ऊंटों का देवता , हाडफाड़ के देवता इत्यादि। मेहर जाति के मुसलमान पाबूजी को पीर मान कर पूजा करते हैं। इनका प्रतीक चिन्ह भाला लिए अश्वारोही , बाईं और तिरछी पगड़ी । जोधपुर के कोलू गांव से संबंधित है।
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हड़बूजी
सन्यासी पुरुष , वचन सिद्ध पुरुष एवं शगुन शास्त्र के ज्ञाता । इनकी बैलगाड़ी की पूजा होती है पंगु गायों के लिए बैलगाड़ी से चारा लाते थे। इनका मंदिर बैगटी गांव जोधपुर में है।
रामदेव जी
रामदेव जी ने शुद्धिकरण परिवर्तन आंदोलन चलाया। रामदेव जी एकमात्र ऐसे लोक देवता है जो कवि थे। इन्हें रुणिचा का धनिया, रामसा पीर ,पीरों का पीर ,सांप्रदायिक सद्भावना के देवता कहते हैं। रामदेव जी हड़बूजी के मौसेरे भाई थे। इन्होंने कामडिंया पंथ की स्थापना की थी। जैसलमेर के पोकरण से संबंधित है। पोकरण से कुछ दूर इनका मंदिर है।
गोगाजी
जाहरपीर ,राजा मंडलीक ,नागराज , सांपों के देवता के नाम से प्रसिद्ध है। गोगा जी के मंदिर में मुस्लिम पुजारी पूजा करते हैं और हिंदू पुजारी सिर्फ भाद्रपद माह में पूजा किया करते हैं। इनके वंशज कायमखानी मुसलमान है गोगाजी की 17 वीं पीढ़ी में उनके वंशजों को जबरन मुस्लमान बनाया गया।
मेहा जी मांगलिया
अपने धर्म बहन पाना गुजरी की गायों के लिए जैसलमेर के राणगदेव भाटी से लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए , इन्हें उज्जवल छत्रिय, मांगलिया रो धणी कहते हैं। ये जोधपुर तापु गांव में जन्मे एवं मंदिर बापिणी गांव में हैं ।
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FAQ
राजस्थान के पंचपीरों के नाम क्या है?
राजस्थान के पांच पीरों के नाम पाबूजी , गोगा जी , रामदेव जी , हडबु जी एवं मेहाजी मांगलिया है।
मारवाड़ के पंचपीरों के नाम क्या हैं?
मारवाड़ के पंचपीर रामदेव जी, गोगाजी, पाबूजी , मेहाजी मांगलिया और हडबु जी है।