21 नवंबर को राजस्थान के बाड़मेर जिले के पलिया गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला हुआ था , आरटीआई कार्यकर्ता को सरियों से पीटा गया उसके पैरों में लोहे की कीलें गाड़ दी गई , अमराराम का आरोप है कि उसके ऊपर हमला गांव के सरपंच एवं उनके लोगों द्वारा किया गया है ।
दरअसल कुंपलिया निवासी अमराराम गोदारा ने पिछले दिनों ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार को लेकर ‘प्रशासन गांव संग अभियान’ में उच्च अधिकारियों को ग्राम पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ज्ञापन दिया था एवं उन्होंने गिड़ा क्षेत्र में चल रही अवैध शराब ब्रांचों को भी बंद कराने का आग्रह किया था।
लेकिन अमराराम की गई ज्ञापन गांव के सरपंच व अन्य प्रतिनिधियों को रास नहीं आए , और उन्होंने थानेदार के साथ मिलकर अमराराम पर हमला करने की साजिश रची थी ।
इसके बाद एसपी ने थानाधिकारी जयराम को भी लाइन हाजिर किया था एवं इस पूरे मामले की जांच एसपी दीपक भार्गव ने पचपदरा थाना अधिकारी प्रदीप डांगा को सौंपी थी। लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले पर नजर रखते हुए इस मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी । इस पूरे मामले की जांच करते हुए सीआईडी सीबी को आज 4 दिन हो चुके हैं । और चारों गिरफ्तार आरोपियों के 5 दिन पुलिस रिमांड पर पुरे होने के बाद दो दिन और पुलिस रिमांड बढा दिया गया।
इधर अमराराम ने सीआईडी सीबी के जांच करते हुए 4 दिन हो जाने पर भी मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर संदेह जताते हुए कहां कि अगर 24 घंटों में आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं तो वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा। कहा कि पुलिस अपराधियों के साथ मिल चुकी है एवं अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
हालांकि सीआईडी सीबी ने अभी तक इस मामले पर कुछ भी नहीं कहा हैं , सीआईडी सीबी लगातार इस जांच में जुटी हुई हैं , वही कल अमराराम का डीएनए टेस्ट करके रिपोर्ट जयपुर भेजी गई ।