सचिन पायलट अपनी मांगों को लेकर फिर से गहलोत के खिलाफ
सचिन पायलट की अजमेर से जयपुर की पदयात्रा खत्म होने के बाद सचिन पायलट ने तीन मांगों को रखा था एवं इस दौरान सचिन पायलट ने 15 दिन तक मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था ।
सचिन पायलट अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक के दौरे पर बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देखते हैं कल क्या होता है ?
सचिन पायलट ने वसुंधरा राज्य सरकार में कबीर भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई को लेकर मांग की गई एवं इसके अलावा सचिन पायलट ने पेपर लीक से आर्थिक नुकसान झेलने वाले बच्चों को उचित मुआवजे की मांग की एवं सरकारी नौकरी की भर्तियों की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने एवं आरपीएससी को भंग करके पुनर्गठित किए जाने की मांग की हैं।
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के निवास स्थल पर सचिन पायलट एवं अशोक गहलोत की मुलाकात की गई एवं इसके बाद पार्टी ने दावा किया कि दोनों नेताओं के बीच सुलह हो गई है अपन दोनों नेता मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
लेकिन सचिन पायलट ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है एवं पायलट ने कहा कि मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि मैंने जो मुद्दे उठाए थे खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा सरकार के समय बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं लूट हुई उन पर कार्रवाई करनी होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट के बीच 2018 के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस की सरकार बनने से ही वर्चस्व की जंग चली आ रही हैं।सचिन पायलट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावेदारी कर रहे थे एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ज्यादा विधायकों को अपने समर्थन में लाकर अपना हक जता रहे थे।
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इसके बाद पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीएम बनाया व सचिन पायलट के समर्थक दावा करते हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने उस समय ढाई ढाई साल का फार्मूला तय करके मुख्यमंत्री के पद पर अशोक गहलोत को बिठाया था।