2 नवंबर की सुबह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गहलोत पर जिस तरह से निशाना साधा उसके बाद से राजस्थान कि कांग्रेस में एक बार फिर खींचतान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है , दरअसल सचिन पायलट विधायक दल की बैठक से पहले विधायकों की बैठक कराने वाले तीनों नेताओं के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं केसी वेणुगोपाल से एक्शन की मांग की , इसके अलावा सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री बदलने की बात को भी इशारों ही इशारों में कह डाला ।
इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट को नसीहत देते हुए कहा कि केसी वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी करके कहा था कि बयानबाजी ना की जाए एवं इसके बाद सचिन पायलट द्वारा बयानबाजी करना ठीक नहीं होगा , फिलहाल उन्हें मिलकर महंगाई जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाना होगा।
क्या सचिन पायलट के बयान के बाद अशोक गहलोत भी सांकेतिक भाषा में सचिन पायलट को बताना चाहते हैं कि राजस्थान में फिलहाल कोई राजनीतिक बदलाव नहीं होगा ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि अगले चुनाव के लिए सभी को मिलकर तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।
इसके बाद कई अन्य नेताओं के भी बयान देखने को मिले , जिला मंत्री महेश जोशी ने कहा कि निष्ठा साबित करने के लिए उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। वही खिलाड़ी लाल बेरवा ने कहा कि राजस्थान के लिए सचिन पायलट सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री होंगे।
सचिन पायलट समर्थक राजेंद्र पुराने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके समर्थकों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की फैसले को जल्द से जल्द लेने की मांग की ।
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यानी कि देखा जाए तो एक के बाद एक सभी नेता एक दूसरे के विरोध में बोलना शुरू हो चुके हैं , हालांकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार का सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया है ।