बेनीवाल व मदेरणा परिवार : एक बार फिर आमने-सामने

News Bureau
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खींवसर व ओसियां में टेंपरेचर की चर्चा…

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल व ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा के बीच पंचायती राज चुनावों के बाद से ही खुलकर अदावत हो चुकी है।

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सांसद बेनीवाल इस बार अपनी नजर ओसियां विधानसभा क्षेत्र में गड़ाए हुए हैं , हनुमान बेनीवाल इन दिनों चल रही शादियों के सीजन में कई बार ओसियां विधानसभा पहुंचे , इसके अलावा सांसद बेनीवाल पंचायती राज चुनाव के बाद कई बार ओसियां के सामाजिक कार्यक्रमों में भी पहुंचे थे , इधर दिव्या मदेरणा की भी नजरें खींवसर के विधानसभा चुनावों पर टिकी हुई है , खींवसर में हनुमान बेनीवाल का दबदबा कुछ इस तरह है कि खींवसर विधानसभा का गठन होने के बाद आज तक यहां पर हनुमान बेनीवाल ही चुनाव जीतते आए हैं । बेनीवाल की सांसद बनने के बाद इस विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल ने अपने छोटे भाई नारायण बेनीवाल को विधानसभा सदस्य का चुनाव लड़ाया , नारायण बेनीवाल के सामने कांग्रेस से दिव्या मदेरणा के फूफा हरेंद्र मिर्धा ने चुनाव लड़ा था , लेकिन चुनाव हार गए । और इसी के बाद दिव्या मदेरणा की नजर खींवसर पर पड़ गई ।

जिला परिषद सदस्य चुनाव में रालोपा व दिव्या मदेरणा के बीच जमकर जुबानी हमले हुए ।

पिछले दिनों हनुमान बेनीवाल के लगातार ओसियां दौरों के बाद विधायक दिव्या मदेरणा ने भी पांचला सिद्धा का दौरा किया , और मदेरणा ने बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि खींवसर का विकास शुन्य हैं , विधायक मदेरणा ने कहा कि वह खींवसर का राजनीतिक टेंपरेचर भी मापने आई है। इसी के बाद लोगों के बीच खींवसर व ओसियां का राजनीतिक टेंपरेचर चर्चा में आ गया ।

इधर सांसद बेनीवाल ने ओसियां में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने 2018 में ओसिया और लोहावट से प्रत्याशी नहीं उतारे थे , उन्होंने अपनों का ध्यान रखा , लेकिन इस बार वे भी चुनाव में प्रत्याशी उतारेंगे ।

राजस्थान में कभी मदेरणा व मिर्धा परिवार का राजनीति में दमखम होता था , मदेरणा परिवार के परसराम मदेरणा एवं मिर्धा परिवार के नाथूराम मिर्धा व परसराम मिर्धा का राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान था । लेकिन नागौर के मिर्धा परिवार को चुनाव हराकर हनुमान बेनीवाल ने अपना वर्चस्व बना दिया , और मदेरणा परिवार से दिव्या मदेरणा अपने परिवार का वर्चस्व संभाल रही है ।

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