पाली के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट ने 11 जुलाई को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर दी , दिनेश लाल की पत्नी के अनुसार नरेश जाट को उच्च अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया गया , बताया जा रहा है कि नरेश अधिकारियों के लिए कुछ पपीते खरीद कर लाया था जिनमें से कुछ पपीते खराब निकल गए एवं इसके बाद नरेश को सभी जवानों एवं अधिकारियों के बीच उस अधिकारी ने प्रताड़ित किया ।
इसके बाद नरेश ने खुद को मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस किया एवं 10 जुलाई को नरेश ने अपने रूम की खिड़की से बाहर की और हवाई फायरिंग की एवं इसके बाद लाउडस्पीकर से अलाउंस किया गया कि नरेश हथियार को नीचे फेंक दे , लेकिन नरेश ने ऐसा नहीं किया और 11 जुलाई की सुबह नरेश ने एक वीडियो बनाया जिसे दिनेश की पत्नी ने नरेश के मोबाइल में रिकॉर्ड किया था ।
इसी बीच नरेश को लगातार सीआरपीएफ के अधिकारी कॉल के माध्यम से संपर्क करके समझाने की कोशिश कर रहे थी।
लेकिन नरेश ने किसी की भी नहीं सुनी और खुद को गोली मार दी एवं नरेश की मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद नरेश के शव को महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर की मोर्चरी में रखा गया एवं परिजनों का आरोप है कि उनकी बिना अनुमति के शव का पोस्टमार्टम किया गया।
इसके बाद नागौर सांसद एवं आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल भी मौके पर पहुंचे , एवं सांसद बेनीवाल ने सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों से भी बातचीत की , परिजनों ने बताया कि उनकी तरफ से हनुमान बेनीवाल द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम निर्णय होगा । यानी कि हनुमान बेनीवाल सीआरपीएफ के अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों से परिजनों के तौर पर मांग रखेंगे।
वही इधर हनुमान बेनीवाल भी गुरुवार को बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं । सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा आंदोलन करने के संकेत भी मीडिया के माध्यम से दे दिए हैं।
वही नरेश जाट ने भी आत्महत्या करने से पहले बताया था कि उनके परिवार एवं बच्चों को हनुमान बेनीवाल संभाल लेंगे।
बता दें कि परिजनों की तरफ से कि नरेश जाट को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों को कठोर से कठोर सजा मिले , नरेश जाट की पत्नी को जिंदगी भर पेंशन मिले, नरेश जाट की बेटी बालिग होने पर उसे नौकरी दी जाए , एवं नरेश जाट के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए इत्यादि मांगों को लेकर अभी तक गतिरोध है ।