गुस्से में वो यार …… Gusse me vo yaar Hindi Poetry

News Bureau

गुस्से में वो यार …… Gusse me vo yaar Hindi Poetry

गुस्सा वो किसी से हो, रूठा मुझ से ही करता है,

एक यार एक पल मुझी को Okk कहा करता हैं।

दिखने में शरीफ शख्स, गुस्से में बड़ा बवाल करता है,

मेरे मनाने के हर असफल प्रयास के बाद खुद ही मान जाता है।

पहली मुलाकात वह कुछ क्षणों की, जिसमें अनजान से अजीज रिश्ते की शुरुआत करता है।

दूर होके पास लगे जो किसी भी हालत में अपना लगे,

लोगों की लाख साजिश के बाद भी, हमें जरा भी फर्क ना पड़े।

सलामत रहे मेरा यार, हम उम्र भर एक दूसरे से प्यार, लड़ते झगड़ते और मनाते रहें।

तेरे सुख दुख का समाधान मेरे सिवा कोई ना हो, मेरी खुशी की शुरुआत और दुख का अंत सिर्फ तेरे साथ हो।

लोगों की नजर से बचा रहे रिश्ता हमारा, दुआ है ईश्वर से हमेशा साथ रहे हमारा।

#P2

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