भाजपा के लिए आसान नहीं है उपचुनाव में विधानसभा सीटें जीतना

News Bureau
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भाजपा के लिए आसान नहीं है उपचुनाव में विधानसभा सीटें जीतना

राजस्थान में एक साथ सात विधानसभा सीटों पर अगले महीने विधानसभा उपचुनाव की घोषणा होगी, विधानसभा उप चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लेकिन इन सात विधानसभा सीटों के पिछले दो विधानसभा उपचुनावों का परिणाम देखें तो भाजपा शासित प्रदेश उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं है।

इन सात विधानसभा सीटों में से सलूंबर विधानसभा सीट पर 2018 और 2023 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीती है।

अन्य 6 विधानसभा सीटों में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी 2018 और 2023 का विधानसभा चुनाव जीती।

अन्य दो विधानसभा सीटों में से चौरासी विधानसभा सीट पर राजकुमार रोत की आदिवासी पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीता।

खींवसर विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 2018 और 2023का विधानसभा जीता। लेकिन अगर भारतीय जनता पार्टी दौसा‍, देवली उनियारा, झुंझुनू, रामगढ़, खींवसर और चौरासी में से कोई भी विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीत जाती हैं तो भजनलाल के नेतृत्व की सरकार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, भारतीय जनता पार्टी के नेता पहले भी कह चुके हैं कि उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है जो भी मिलेगा उन्हें फायदा होगा।

उपचुनाव में कांग्रेस मजबूत

राजस्थान में उपचुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी मजबूत नजर आती हैं भले ही कांग्रेस पार्टी सत्ता में हो या विपक्ष में।

कांग्रेस पार्टी ने पिछले 10 सालों में हुई 16 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव जीता।

वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार के समय में आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव जीत लिया।

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पिछले 10 सालों में तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा उपचुनाव जीत पाई और 1 सीट पर आरएलपी ने भाजपा से गठबंधन करके चुनाव जीता।

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