पठार क्या होते हैं ?
पठार क्या हैं ? , पठार क्या होता हैं , पठार का अर्थ
पर्वता से नीचे एवं जमीन से ऊंचे यानी कि यूं कहें कि मध्यम ऊंचाई पर जो पहाड़ होते हैं उन्हें ही पठार कहा जाता हैं।
पठारों की सामान्यतः ऊंचाई 600 मीटर के लगभग होती है। वैसे पठानों के ऊपर केवल पहाड़ ही नहीं होते बल्कि कुछ भाग में मैदान भी पाए जाते हैं यानी पहाड़ों एवं मैदानों का एक मिश्रण भाग पठार होता है।
पठारों को निम्न भागों में बांटा गया है
- ज्वालामुखी से उत्पन्न पठार
- जलवायु के आधार पर पठार
- शुष्क पठार
- आद्र पठार
- हिम पठार
- बहिर्जात बलों से उत्पन्न पठार
- जलीय पठार
- वायवीय पठार
- हिमानी पठार
- उस्तन्त पठार
- अंतर्जात बल के आधार पर पठार
- अंतरा पर्वतीय पठार
- तटीय पठार
- गुंबद आकार पठार
- महाद्वीपीय पठार
भारत में मालवा का पठार छोटा नागपुर का पठार आदि हैं। भारत के मालवा के पठार का मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ तक विस्तार है। एवं छोटा नागपुर के पठार का पूर्वी भारत में झारखंड ,उड़ीसा ,पश्चिम बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ तक विस्तार है। इसे भारत का रूर कहा जाता है पारसनाथ पहाड़ी यहां की सबसे ऊंची चोटी है यह पहाड़ियां झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है। यहीं पर शिखरजी जैन मंदिर जो कि जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है इस पहाड़ी को सम्मेद शिखर के नाम से भी जाना जाता है यहीं से दामोदर नदी , सुवर्णरेखा नदी व बाराकर नदी का उद्गम स्थल है।
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पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला – भारत के दक्षिण में ताप्ती नदी के मुहाने से कुमारी अन्तरीप तक विस्तृत पर्वत श्रृंखला। यह महाराष्ट्र ,गोवा, कर्नाटक ,तमिलनाडु व केरल में विस्तृत है।यह भारत का HOT SPOT कहा हैं।
पूर्वी घाट पर्वत श्रृंखला – भारत के पूर्वी तट पर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु तक विस्तृत है पर्वत श्रंखला कर्नाटक में भी चली गई है यह बंगाल की खाड़ी के समानांतर विस्तृत है।