बांग्लादेश की जेल में घुसे प्रदर्शनकारी छात्र, सैकड़ो कैदियों को छुड़ाया
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन लगातार जारी है, इधर राजधानी ढाका व आसपास के क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया गया है एवं भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया।
पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर शुक्रवार को गोलियां चलाई एवं आंसू गैस के गोले दागे।
इसी बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी छात्रों ने बांग्लादेश की जेल पर धावा बोल दिया, इसके बाद जेल से सैकड़ो कैदी भाग गए।
हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट व मोबाइल सेवाओं को बंद कर दिया गया है, शेख हसीना की सरकार इस प्रदर्शन से निपटने के लिए लगातार सुरक्षा बलों को तैनात करके आंदोलन खत्म करने का प्रयास कर जा रही है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक बताया जा रहा है कि शुक्रवार तक इस घटना में 22 लोगों की मौत हो गई, बताया जा रहा है कि शुक्रवार को चार लोगों की मौत हुई, रक्षाबलों ने करीब 1000 से अधिक लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाई।
प्रदर्शनकारी बांग्लादेश टेलीविजन के मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए थे, बांग्लादेश टेलीविजन केक पत्रकार ने बताया कि गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने मुख्य गेट को तोड़कर वाहनों एवं स्वागत कक्ष में आग लगा दी थी।
इधर देश के दूरसंचार नियामक आयोग का बयान सामने आया है जिसमें कहां गया है कि डाटा सेंटर पर गुरुवार को प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद वे सेवाएं देने के लिए असमर्थ है, प्रदर्शनकारियों ने उपकरणों में आग लगा दी थी।
क्या है बांग्लादेश में आरक्षण का मामला
दरअसल ढाका एवं अन्य शहरों के विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के के खिलाफ कई दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
अब राजधानी ढाका एवं आसपास के क्षेत्रों में लोगों के जमा होने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है, पुलिस को हाई अलर्ट किया गया हैं।