कांग्रेस और भाजपा के लिए 68 सीटों पर छोटे दल और निर्दलीय बड़ी चुनौती

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कांग्रेस और भाजपा के लिए 68 सीटों पर छोटे दल और निर्दलीय बड़ी चुनौती

2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा छोटे दल की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं इनमें से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी करीब 10 सीटों पर बीएपी यानी कि भारतीय आदिवासी पार्टी 7 सीटों पर मजबूत दिख रही है।

इसके अलावा बीएसपी 5 सीटों पर एवं सीपीआईएम 4 सीटों पर चुनौती दे रही है, एएसपी दो सीटों पर एवं जेजेपी दो सीटों पर गणित बिगाड़ने की कोशिश में है।

इसके अलावा 38 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी हावी है, जिसमें शिव से रविंद्र सिंह भाटी एवं फतेह खान, बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, सांचौर से जीवाराम चौधरी, बयान से ऋतु बनावत, बूंदी से रुपेश शर्मा सहित कई प्रत्याशी मजबूत स्थिति में हैं।

मेड़ता, भोपालगढ़, परबतसर, मसूदा, बायतु, आसींद, चौमूं, कोलायत, सिवाना, उदयपुर ग्रामीण, खेरवाड़ा, प्रतापगढ़, धरियावद, सागवाड़ा, आसपुर, खींवसर, भादरा, डूंगरगढ़, दातारामगढ़, धौलपुर, उदयपुरवाटी, सादुलपुर, हिंडौन, शिव, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, सांचौर, चौहटन, बानसूर, थानागाजी, फतेहपुर, सूरतगढ़ सहित कई अन्य विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए मुसीबत हैं।

आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी भी कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी को कई विधानसभा सीटों पर प्रभावित कर सकती हैं।

करीब 70 विधानसभा सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के अलावा अन्य मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं, इनमें से अगर आधी विधानसभा सीटों पर भी छोटे दलों या निर्दलीय प्रत्याशियों का कब्जा हो जाता है तो राजस्थान में बहुमत का समीकरण भी बिगड़ सकता हैं।

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