देश में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने 2019 में पास हुए नागरिकता अधिनियम को लागू कर दिया, इस बिल के पास होने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।
मई में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार द्वारा बड़ा निर्णय लेते हुए धार्मिक आधार पर प्रताड़िता सहन करने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को अब भारत में नागरिकता देने का बिल लागू किया।
इसको लेकर पाकिस्तान के मुख्य अखबार डॉन ने लिखा कि CAA के नोटिफिकेशन जारी करने के टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से कहा कि वो इलेक्टोरल बाॅ्न्ड की लिस्ट 15 मार्च से पहले जारी करें।
पाकिस्तान के एक अन्य न्यूज़ चैनल जियो न्यूज ने हैडलाइन में लिखा कि चुनाव से पहले मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने मुस्लिम विरोधी नागरिकता कानून 2019 को लागू किया।
न्यूज़ चैनल ने रिपोर्ट में लिखा कि नागरिकता बिल 2019 को लेकर हिंसा भड़क गई थी एवं इसमें कई लोग मारे गए, जिसमें ज्यादातर मुसलमान थे।
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न्यूज़ ने आगे लिखा कि मोदी सरकार का कहना है कि कानून नागरिकता देने के लिए न कि नागरिकता वापस लेने के लिए।