अतीक अहमद की क्राइम स्टोरी जिस में 100 से ज्यादा केस , Atiq Ahmed history and family
उत्तर प्रदेश के अतीक अहमद की कहानी की शुरुआत सन 1979 में होती है , इस दौरान इलाहाबाद के चाकिया मोहल्ले में फिरोज अहमद का परिवार रहता था एवं यह परिवार तांगा चला कर अपने परिवार का गुजर-बसर करता था , इसी परिवार में अतीक अहमद का जन्म हुआ , अतीक अहमद कि महज 17 साल की उम्र में उस पर हत्या का आरोप लग चुका था।
एवं इसके बाद जून 1995 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड में भी अतीक अहमद का नाम सामने आया था इस गेस्ट हाउस में मायावती पर हमला किया गया था, जिसमें अतीक अहमद भी शामिल था।
हालांकि इसके बाद सन् 2004 में अतीक अहमद समाजवादी पार्टी के टिकट पर फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद बन गया। लेकिन अतीक अहमद से पहले इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक था एवं अतीक अहमद के सांसद बनने से यह सीट खाली हो गई एवं इस सीट पर उपचुनाव के ऐलान के बाद यहां से अतीक अहमद का भाई अशरफ एवं अशरफ के सामने बसपा के प्रत्याशी राजुपाल ने चुनाव लड़ा एवं इसके बाद 25 जून 2005 को अतीक अहमद में उपचुनाव में अपने भाई अशरफ की हार का बदला लेने के लिए विधायक राजू पाल को मार दिया।
इस हत्याकांड मामले का उमेश पाल एक अहम चश्मदीद गवाह था , पुलिस जब इस केस छान बिन करने लगी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी तो उमेश पाल ने पुलिस ने कोर्ट से सुरक्षा की गुहार की थी एवं इसके बाद यूपी पुलिस की ओर से सुरक्षा के लिए दो गार्ड भी दिए गए थे।
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लेकिन इसके बाद इस केस पर लगातार जांच होती रही एवं 1 अक्टूबर 2022 को सीबीआई कोर्ट की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जिसमें अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित अन्य लोग शामिल थे।
वह 24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल पर हमला करके उसे मार दिया गया , एवं उमेश पाल की हत्या का अतीक अहमद पर भी आरोप है अतीक अहमद पर अब तक 100 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं।