रामदेव जी की कथा व जीवन परिचय Baba Ramdev Ji biography
रामदेव जी की कथा व जन्म (Birth of Baba Ramdev)
लोक देवता रामदेव जी का जन्म विक्रम संवत 1952 में भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को हुआ , रामदेव जी का जन्म बाड़मेर जिले के शिव तहसील के उंडू काश्मीर गांव में हुआ।
- बाबा रामदेव जी की कथा व परिवार Ramdev Ji biography
रामदेव जी के पिता का नाम अजमल तंवर एवं रामदेव जी की माता का नाम मेनादे था, रामदेव जी की शादी वर्तमान पाकिस्तान के अमरकोट के दलैल सिंह सोढा की बेटी नेतल दे साथ हुई।
कहा जाता हैं कि रामदेव जी की पत्नी नेतल्दे विवाह से पहले चल नहीं सकती थी क्योंकि उनके दोनों पैर नहीं थी रामदेव जी ने चमत्कार से उनको सही किया।
रामदेव जी के बड़े भाई वीरमदेव को बलराम का अवतार माना जाता है एवं रामदेव की बहन लासा एवं सुगना थी। रामदेव जी ने छुआछूत की भावना से ऊपर उठकर मेघवाल समाज की डाली बाई को धर्म की बहन बनाया। जैसलमेर के पोकरण के रुणिचा में डाली बाई का कंगन है।
कहते हैं कि डाली बाई के कंगन से निकलने वाले लोगों को सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है, रामदेव जी के गुरु का नाम बालकनाथ था, जिनकी समाधि जोधपुर के मसूरिया पहाड़ी पर हैं।
लोकदेवता रामदेव जी के पास सवारी के लिए नीला घोड़ा था।
लोकदेवता बाबा रामदेव जी की समाधि एवं मेला
रामदेव जी से एक दिन पहले डाली भाई ने समाधि ली एवं रामदेव जी ने भाद्रपद शुक्ल एकादशी को समाधि ली , रामदेव जी ने विक्रम संवत 1575 को रुणिचा के राम सरोवर तालाब के किनारे जीवित समाधि ली थी।
रामदेव जी का मेला रुणिचा में भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से एकादशी तक भरता है एवं इसे मारवाड़ का कुंभ भी कहते हैं।
बाबा रामदेव जी के मंदिर (Baba Ramdev mandir temple )
- रामदेव जी के समाधि स्थल जैसलमेर के रुणिचा में आधुनिक मंदिर का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने करवाया।
- अजमेर के कुड़ियांस में रामदेव जी के मंदिर को छोटा रामदेवरा कहते हैं
- चित्तौड़गढ़ के सूरत खेड़ा में भाद्रपद शुक्ल एकम से तृतीया तक मेला भरता है।
- जोधपुर के मसूरिया में रामदेव जी का मंदिर है।
- अलवर के हल्दीना में रामदेव जी का मंदिर है।
- बाड़मेर के कोटडा में रामदेव जी का मंदिर है।
- गुजरात में छोटा रामदेवरा में रामदेव जी का मंदिर है।
- जोधपुर का आधारशिला मंदिर ।
लोक देवता बाबा रामदेव जी के चमत्कार परसे
- रामदेव जी ने पहला चमत्कार अपनी मां मेणा दे को दिया उफनते के दूध को शांत किया।
- दूसरे स्तन की धार वीरमदेव के मुख में चली गई।
- कपड़े के घोड़े पर बैठकर आकाश में उड़े।
- गाय के बछड़े को जीवित किया।
- भैरव राक्षस का वध किया।
- बोहता सेठ की डूबती नाव को बसाया।
- दोस्त स्वारथिया को सांप डस गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई एवं रामदेव जी ने पुनः जीवित किया।
- सुगना के बेटे को सांप डस गया, भांजे को वापिस जिंदा किया।
- रतना राईका को कुए से निकाल कर वापस जिंदा किया।
लोक देवता बाबा रामदेव जी के बारे में जानकारी
रामदेव जी एकमात्र लोक देवता है जो कवि थे एवं रामदेव जी ने 24 वाणियों के ग्रंथ की रचना की, रामदेव जी ने कामड़िया पंथ की स्थापना की एवं इस पंथ को मानने वाले शव को दफनाते हैं।
- रामदेव जी को कपड़े के घोड़े चढ़ाई जाते हैं, लोक देवता रामदेव जी ने शुद्धि आंदोलन चलाकर हिंदू से मुसलमान बनने वालों को पुनः हिंदू बनवाया।
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रामदेव जी की फड का वाचन कामड़ भोपा रावणहत्था वाद्य यंत्र से करते हैं। सर्वप्रथम इनकी फल का चित्रांकन चौथमल चितेरे ने किया था।